भारत देश का पहला जियोथर्मल पावर प्लांट लद्धाख ( India’s First Geothermal Power Plant)

India's First Geothermal Power Plant
India's First Geothermal Power Plant

प्रिय दोस्तो, आज हम आपके लिए लेकर आये है भारत देश का पहला जियोथर्मल पावर प्लांट बनेगा लद्धाख ( India’s First Geothermal Power Plant) के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी, आशा करते है कि हमारे द्वारालिखा गया यह लेख आपको अत्यंत पसंद आयेगा तो आइये देखते है किस राज्य में किस स्थान पर यह बनाया जायेगा

India’s First Geothermal Power Plant

यह पूर्वी लद्दाख के पुगा गाँव में भारत देश का पहला जियोथर्मल पावर प्लांट स्थापित करने का निर्णय लिया गया है जो कि भारत का एक केन्द्र शासित प्रदेश है, जो उत्तर में काराकोरम पर्वत और दक्षिण में हिमालय पर्वत के बीच में है। यह भारत के सबसे विरल जनसंख्या वाले भागों में से एक है

लद्दाख क्षेत्रफल में भारत का सबसे बड़ा केन्द्र शासित प्रदेश है। लद्दाख सबसे कम आबादी वाला केन्द्र शासित प्रदेश है।

तो आइए जानते है क्या इसकी खासियत

कुछ साल पहले बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी जो कि पिलानी में स्थित है उनके वैज्ञानिकों ने यहां पर कई जगहों पर भू तापीय ऊर्जा के मापदंडों के आधार पर विश्लेषण किया था और विश्लेषण करने के बाद यह पाया जगया कि पूगा घाटी में भू तापीय ऊर्जा की क्षमता सबसे अधिक होती है इसीलिये इसी स्थान पर भारत देश का पहला जियोथर्मल पावर स्थापित करने का निर्णय लिया गया

India's First Geothermal Power Plant
India’s First Geothermal Power Plant

भारत और आइसलैंड के इंजीनियर इसे बनाने की अहम भूमिका निभा रहे है यह 4400 मीटर की ऊंचाई पर बनने जा रहा है जो लेह से 190 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और लगभग 5 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है

अभी तक इस प्लांट में 100 मेगावाट तक बिजली उत्पादन करने योजना है जो आस पास 10 गांवों को मुफ्त में बिजली प्रदान की जाएगी अभी शुरुआती दौर में 35 मीटर की गहराई पर ही ड्रिलिंग का काम हुआ है जहां पर 100 डिग्री का तापमान मिला है जहाँ पर पानी उबलने लगता है

यह ड्रिलिंग 500 मीटर की गहराई तक जायेगी उसके बाद इसकी क्षमता को बढ़ाने के लिए यह ड्रिलिंग 1 किलोमीटर तक  करने की योजना है

इस परियोजना की स्थापना का निर्माण करने के लिए लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद-लेह व ओएनजीसी ऊर्जा केंद्र और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के विद्युत विभाग के बीच त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) हस्ताक्षर किए गए हैं

इसे साल 202 के अंत तक पूरा जाने की सम्भावना है

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