वंशानुक्रम व वातावरण के महत्वपूर्ण नोट्स ( Important Notes of Heredity and Environment)

Important Notes of Heredity and Environment
वंशानुक्रम व वातावरण

प्रिय पाठकों, आज हम आपके लिए लेकर आये है HTET/CTET से सम्बंधित वंशानुक्रम और वातावरण के महत्वपूर्ण नोट्स ( Important Notes of Heredity and Environment) के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी, इसमे 4 से 5 प्रश्न आपके HETT/CTET व TET से सम्बंधित एग्जाम में पूछे जाते है तो आइए पढ़ते है वंशानुक्रम और वातावरण के महत्वपूर्ण नोट्स ( Important Notes of Heredity and Environment) के बारे में विस्तारपूर्वक रोचक जानकारी

Important Notes of Heredity and Environment

वंशानुक्रम

प्रत्येक मनुष्य व व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक, व्यवहार आदि संबंधित गुण अपने पूर्वजों से विरासत मे मिलते है इन मिश्रित गुणों के समूह को ही वंशानुक्रम कहा जाता है वास्तव में वंशानुक्रम एक अमूर्त व जैवकीय दृष्टि से अत्यंत धारणा है जो पूर्वजो के व्यवहारों की तुलना करके जाना जाता है व्यक्ति के जन्मजात गुण ही उसका वंशानुक्रम है

वंशानुक्रम की परिभाषये

वुडवर्थ के अनुसार: वंशानुक्रम में वे सभी बातें समाहित रहती है जो जीवन का प्रारंभ करते समय, जन्म के समय नही बल्कि जन्म से लगभग नौ महीने पहले गर्भधान के समय विद्यमान थी और व्यक्ति वंशानुक्रम और वातावरण का उत्पाद है

जेम्स ड्रेवर के अनुसार: शारीरिक व मानसिक विशेषताओं का माता पिता से सन्तानो को हस्तांतरण होना ही वंशानुक्रम है

डगलस व हॉलैंड के अनुसार: व्यक्ति का वंशानुक्रम उसके माता पिता  व अन्य पूर्वजो के व्युत्पन्न सभी सरंचना, भौतिक, शारीरिक क्रियाए व गुण है

वंशानुक्रम के नियम

  • समानता का नियम
  • भिन्नता का नियम
  • प्रत्यागमन का नियम
  • चयनित गुणों का सिद्धान्त
  • माता पिता के पक्षो का नियम
  • सयोंग का नियम

वंशानुक्रम की प्रक्रिया

जीन्स वंशानुक्रम के वास्तविक वाहक होते है जिसे हम पित्रैक कहते है इनमे मुख्य रूप से DNA व RNA के जैविक गुण पाए जाते है पित्रैक वंशसूत्रो के पाए जाते हिअ जिन्हें हम गुणसूत्र कहते है

मानव जाति में वंशसूत्रो कई कुल संख्या 46 (23 +23) होती है इन 23 जोड़ो में केवल  22 जोड़ो के वंससूत्र ही समान होते है 23 वी जोड़ी के वंससूत्र असमान होते है

23 वीं जोड़ी का एक वंशसूत्र नम्बा छड़ीनुमा होता है तथा इसे X वंशसूत्र जबकि दूसरा वंशसूत्र छोटा गोल सा होता है तथा इसे Y वंससूत्र कहते हैं । इसके विपरीत नारी में 23 वीं जोड़ी के वंशसूत्र भी समजात होते हैं । नारी की 23 वीं जोड़ी के दोनों वंशसूत्र लम्बे छड़ीनुमा होते हैं । क्योंकि ये पुरुष के X वंशसूत्र जैसे होते हैं इसीलिए इन्हें X वंशसूत्र कहा जाता है

पुरुष की 23 वीं जोड़ी में X व Y गुण सूत्र होते है जबकि नारी की 23 वीं जोड़ी में X वंशसूत्र होता है , इसी 23 वीं जोड़ी के वंशसूत्रों के कारण ही पुरुष तथा स्त्री का लिंग भेद विकसित होता हैं , जिसके कारण ये वंशसूत्र लिंग वंशसूत्र कहलाते हैं

वंशानुक्रम के सिद्धान्त

  • वीजमैन का बीजकोष निरंतरता का सिद्धान्त
  • गॉल्टन का जीवमितिय सिद्धान्त
  • मेंडल का वंशानुक्रम का सिद्धान्त
  • लेमार्क का विकासवादी सिद्धान्त

वातावरण

वातावरण को पर्यावरण के नाम से भी जाना जाता है आमतौर पर वातावरण का अभिप्राय व्यक्ति के आस पास की चारो तरफ की परिस्थितियों से है

पर्यावरण शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है परी व आवरण, परि का अर्थ होता है चारो ओर व आवरण का अर्थ होता है ढकने वाला, किसी व्यक्ति को के चारो तरफ जो कुछ भी ह वह पर्यावरण है

वंशक्रम का एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानांतरण, विकास व वृद्धि में सहायक तत्व ही वातावरण कहलाता है

वातावरण की परिभाषाएं

डगलस व हॉलैंड के अनुसार: वातावरण शब्द का प्रयोग हम समस्त वाह्य शक्तियों, प्रभावों तथा दशाओं का सामूहिक रूप से वर्णित

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वातावरण

करने के लिए किया जाता है

वुडवर्थ के अनुसार: वातावरण में सभी तत्व आ जाते है जिन्होंने जीवन शुरू करने के समय मनुष्य को प्रभावित किया हो

पी गिल्बर्ट के अनुसार: वातावरण वह वस्तु है जो प्रयत्क्ष है जो प्रयत्क्ष रूप से तुरंत प्रभावित करती है

रॉल्स के अनुसार: यह वह शक्ति है जो सब पर प्रभाव डालती है

बोरिंग व लैंगफील्ड के अनुसार: वह प्रत्येक  वस्तु है जो व्यक्ति के पित्रैक के अतिरिक्त उसकी अन्य सभी बातों पर प्रभाव डालती है

वातावरण के प्रकार

भौतिक वातावरण: भोजन, जल, वायु, घर, विद्यालय, गाँव व शहर

समाजिक व सांस्कृतिक वातावरण: माता पिता ज़ परिवार ज़ समुदाय, समाज, अध्यापक, मित्र, मनोरंजन के साधन आदि सम्मिलित है

वातावरण का महत्व

मनोवैज्ञानिकों ने काफी अध्ययन करने के बाद यह सिद्ध कर दिया है की व्यक्ति के विकास मे वातावरण की आगम भूमिका होती है क्योंकि बालक के विकास मे भौतिक, सामाजिक, आर्थिक, मानसिक व सांस्कृतिक का व्यापक प्रभाव पड़ता है बालक का वातावरण गर्भवस्था के दौरान से ही विकसित होने लगता है नौ माह तक भ्रूण का विकास मत के गर्भशय मे ही होता है

शिशु के जन्म के उपरांत मिलने वाला वातावरण ही उसके शारीरिक व मानसिक विकास आदि को प्रभावित करता है उत्तम वातावरण मे पलने वाले बालकों की सामाजिक व बौद्धिक क्षमता अधिक होती है

वंशानुक्रम और वातावरण के महत्वपूर्ण नोट्स

देखे अभिवृद्धि व विकास के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर

Important Question of Growth and Development
अभिवृद्धि व विकास के महत्वपूर्ण प्रश्न

प्रिय दोस्तों हम उम्मीद करते है की हमारे द्वारा डी गई जानकारी वंशानुक्रम और वातावरण के महत्वपूर्ण नोट्स ( Important Notes of Heredity and Environment) से आप संतुष्ट होंगे, इससे संबंधित कोई प्रातक्रिया या सुझाव देना चाहता है तो वो हमे कॉमेंट के माध्यम से दे सकता है

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