आज हम आपके लिए लेकर आये है ‘गुरुग्राम के किले’ (जिसे हम में से ज़्यादात्तर गुड़गांव के नाम से जानते है)। गुरुग्राम आज हमारे प्रदेश का आद्योगिक नगर बन गया है। यदि हम इस नगर के इतिहास के पन्नों को पलट कर देखते है तो एक अत्यंत सुंदर दृश्य हमें देखने को मिलता है।
‘गुरुग्राम के किले’ इसी सुंदर दृश्य को आकृति देने का कार्य करते है। जो हमें अलग-अलग समय अंतराल की संस्कृति व वास्तुकला का परिचय करवाते नजर आते है।
तो चली हम आगे पढ़ते है ‘गुरुग्राम के किले’ के बारे में
फारुखनगर का किला
फारुखनगर गुरुग्राम का एक छोटा-सा कस्बा है जो इतिहास के पन्नों में अपना अलग ही अस्तित्व रखता है। इस कस्बे की स्थापना एक मुगलशासक फौजदार खान ने 1732 में की थी।
फारुखनगर के किले में बड़े पैमाने पर नमक व हथियार तैयार किए जाते थे। इस किले की सुरक्षा के लिए मोहम्मद फौजदार खान ने इसकी कीलाबंदी की थी। इस किले के पाँच विशालकाय द्वार बनाए गये थे जिन्हे बसिरपुर द्वार, खुरर्मपुर द्वार, झगारी द्वार, पाटली द्वार तथा दिल्ली द्वार के नाम से जाना जाता था।
शीशमहल (गुरुग्राम के किले)
फौजदार खान ने फारुखनगर के मध्य एक एतिहासिक इमारत का निर्माण करवाया जिसमें लगे शीशों की वजह से इसे शीशमहल का नाम दिया गया।
शीशमहल के निर्माण कार्य में लाखोरी ईंटों, बलुआ पत्थर तथा झज्जर के पत्थर का प्रयोग किया गया था। शीशमहल के तीन ओर दो मंजिलें इमारतें बनाई गई है जिनमें कई कमरे बने हुए है।
शीशमहल
शीशमहल का निर्माण मुगलशासक ने अपनी रानी के लिए करवाया था। इस किले के अंदर बने खंडहर से एक सुरंग किले से कुछ दूरी पर स्थित बाउली तक जाती है जहां रानी हररोज स्नान के लिए जाती थी। अब ये बाउली इतिहास के पन्नों में कहीं खो कर रख गई।
बादशाहपुर का किला
गुरुग्राम जिले के बादशाहपुर के 20 एकड़ में बना बादशाहपुर का किला मुगलों के शासनकाल से अपने इतिहास को संजोय हुए है। और आज अवैध कब्जाधारियों से अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है।
सोहना का किला
गुरुग्राम जिले में स्थित सोहना हरियाणा का एक प्रसिद्ध दार्शनिक स्थल है जहां स्थित दमदमा झील, गर्म पानी का चश्मा, सोहना का किला इत्यादि पर्यटकों को आकर्षित करने का कार्य करते है।
अरावली की पहाड़ियों में स्थित सोहना का किला गुरुग्राम के प्रमुख दार्शनिक स्थलों में से एक है। इस किले को भरतपुर का किला कहकर भी संबोधित किया जाता है।
इस किले को कई बार तोड़ा व बनाया गया। आज यह एतिहासिक धरोवर भी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है।
प्रिय पाठकों उम्मीद करते है गुरुग्राम के किले आपको पसंद आया होगा