प्रिय पाठकों आज हम लेकर आये है कुरुक्षेत्र तीर्थ स्थल-धार्मिक स्थल, जिससे आप पढ़ कर आने वाले एग्जाम की तैयारी कर सकते है यदि फिर भी कुरुक्षेत्र तीर्थ स्थल-धार्मिक स्थल में से कोई तीर्थ स्थल तरह जाता है तो आप कमेंट बॉक्स में हमारे साथ सांझा कर सकते है
धर्मनगरी कुरुक्षेत्र तीर्थ स्थल-धार्मिक स्थल
कुरुक्षेत्र हरियाणा का ऐसा जिला है जो प्राचीन समय से अपनी कला और संस्कृति की छाप समेटे हुए है। महाभारत का युद्ध कुरुक्षेत्र में ही हुआ था इस पावन भूमि पर ही श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था
कुरुक्षेत्र के पर्यटन स्थल, मंदिर , मेले व हरियाणा के धार्मिक व तीर्थ स्थल पूरे भारत देश में प्रसिद्ध है। जो अपने आपमे देखने लायक है इन धार्मिक व तीर्थ स्थलों पर विदेशी पर्यटकों का आना जाना खूब लगा रहता है।
तो आइए कुरुक्षेत्र तीर्थ स्थल-धार्मिक स्थल के बारे में विस्तार से पढ़ें।
ब्रह्मसरोवर
यह कुरुक्षेत्र जिले के थानेसर में स्थित है। इस सरोवर को राजा कुरु द्वारा बनाया गया था । यहां सूर्यग्रहण के असवर पर श्रद्धालुओं व विदेशी पर्यटकों द्वारा स्नान किया जाता है। अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती में यह ब्रह्मसरोवर बहुत खूबसूरत दिखने लगता है। धर्मनगरी कुरुक्षेत्र तीर्थ स्थल-धार्मिक स्थल को देखने के लिए लाखों की संख्या में पर्यटक आते है और भरपूर आनंद उठाते है।
स्थानेश्वर मंदिर
स्थानेश्वर मंदिर भगवान शिव का अत्यंत पुराना मंदिर है। यह एक धार्मिक स्थल है और इस धर्मिक स्थल में एक छोटा सा कुंड है जिसका पानी बहुत पवित्र मानते है। इसका पानी पीने से राजा बाण का कुष्ठ रोग ठीक हो गया था। इस कुंड में भगवान शिव की गोलानुमा आकर की प्रतिमा है जो बहुत खूबसूरत दिखाई देती है।
ज्योतिसर धाम
यह कुरुक्षेत्र जिले से लगभग 5 किमी की दूरी पर स्थित है। यह आज भी धर्मनगरी कुरुक्षेत्र तीर्थ स्थल-धार्मिक स्थल में से एक है क्योकि यही पर बरगद के पेड़ के नीचे भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। जो आज भी पूर्ण रूप से यहाँ पर विद्यमान है। इस तीर्थ स्थल पर हर साल हजारों की संख्या में पर्यटक आते है। यहाँ हर रोज शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।
धरोहर
यह कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के अंदर स्थित है। और यहां प्राचीन हरियाणा की संस्कृति को अलग-अलग ढंग से आकृतियों के रूप में दिखाया गया है और यह धर्मनगरी कुरुक्षेत्र तीर्थ स्थल-धार्मिक स्थल प्रसिद्ध है
पैनोरमा व श्रीकृष्ण संग्रहालय
यह कुरुक्षेत्र जिले के थानेसर में स्थित है। और इसके अंदर एक साइंस म्यूज़ियम भी है जिसमे हम साइंस की पूरी जानकारी
व उनके जुड़े सूत्र व रूल्स आदि आसानी से दर्पण के रूप में देख सकते है। और इसके अंदर ही महाभारत के पूरे युद्ध को थियेटर के जरिये दिखाया गया है। इसके साथ ही श्रीकृष्ण संग्रहालय भी बनाया गया है जिसमें भगवान श्रीकृष्ण की सारी जानकारी दिखाई गई है।
कुबेर तीर्थ
यह कुरुक्षेत्र जिले में सरस्वती नदी के पास स्थित है और यहां भगवान कुबेर के दर्शन करने से पहले सरस्वती नदी में स्न्नान करते है यहां पर यक्षपति कुबेर ने यज्ञ किया था। यहां पर चैतन्य महाप्रभु ने तपस्या करके कुटिया बनाई थी
प्राचीन तीर्थ
यह तीर्थ भी कुबेर तीर्थ के पास स्थित है ऐसा माना जाता है कि भीष्म पितामह की माता ने यहां स्नान किया था जिससे उनके पाप दूर हो गए थे
बाण गंगा तीर्थ
यह तीर्थ कुरुक्षेत्र जिले पेहोवा रोड पर नारकतारी गांव के पास है इस तीर्थ स्थान पर अर्जुन ने धरती में बाण मारकर गंगा निकाली थी जिसकी जलधारा भीष्मपितामह के मुह पर पहुंची थी
मार्कण्डेय तीर्थ
यह कुरुक्षेत्र जिले के पिपली रोड पर स्थित है इस तीर्थ स्थल पर ऋषि मार्कण्डेय का आश्रम है जिन्होंने कई साल तक तपस्या की थी और पर्यटक इस तीर्थ स्थान को देखने से पहले मारकंडा नदी में स्नान करके सूर्य की पूजा करते है।
कालेश्वर तीर्थ
यह तीर्थ स्थल कुरुक्षेत्र जिले के पेहोवा रोड पर स्थित है और यह सूर्य ग्रहण के समय यहां श्रद्धालुओं की बहुत भारी भीड़ जमा होती है क्योंकि इस तीर्थ स्थल में स्नान करने से मनुष्य के पाप मुक्त हो जाते है यह हरियाणा के प्रसिद्ध धार्मिक व तीर्थ स्थल में एक है
बाबा कमली वाले का डेरा
यह सन्निहित तीर्थ के पास स्थित है और यह डेरा विशुद्धानंद महाराज द्वारा बनाया गया है ओर इस डेरे में अर्जुन व भगवान श्रीकृष्ण की मूर्तियां स्थापित की गई है
चन्द्रकूप
यह तीर्थ स्थल कुरुक्षेत्र जिले में स्थित है और इस तीर्थ स्थल में एक कुआँ है जिसके साथ धर्मराज युधिष्ठिर द्वारा बनाया गया मंदिर है
सन्निहित तीर्थ
यह तीर्थ स्थान कुरुक्षेत्र रेलवे स्टेशन से 3 किमी दूर है और यह हरियाणा के प्रसिद्व धार्मिक व तीर्थ स्थल में से एक है ऐसा कहा जाता है कि यहां महाभारत युद्ध के दौरान कौरव व पांडव शाम को इस तीर्थ स्थान में स्नान किया करते थे इसे पंचक तीर्थ के नाम से भी जाना जाता है
वाल्मीकि आश्रम
यह कुरुक्षेत्र रेलवे स्टेशन के पास स्थित है और यहाँ लक्ष्मण गिरी महाराज की समाधि व मंदिर है
आपगा
यह कुरुक्षेत्र जिले के दयालपुर गांव में स्थित है और महाभारत एवं पौराणिक साहित्य में इस तीर्थ का महत्त्व वर्णित ऐसा माना जाता है कि इस तीर्थ स्थल पर कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को पिंडदान करने वाले व्यकितयों की मुक्ति प्राप्त होती है
गौड़ीय मठ
यह कुरुक्षेत्र जिले में स्थित है और यह चैतन्य महाप्रभु के समय का है जिन्हें भगवान श्रीकृष्ण का अवतार माना जाता है इससे गौरांग महाप्रभु के नाम से भी जाना जाता है
पेहोवा
यह कुरुक्षेत्र से 30 किलोमीटर दूर पेहोवा में स्थित है और इसे पितृ तीर्थ के नाम से जाना जाता है
कमोधा
यह सरस्वती नदी के तट पर स्थित है और यहां पांडवो ने निवास किया था और यहां कामेश्वर महादेव का ईंटो से बना हुआ मन्दिर है इसी के कारण ही इसका नाम कमोधा पड़ा
पृथुदक तीर्थ
यह सरस्वती नदी के किनारे स्थित है और यहां बहुत पुराना श्रवणदास व गरीबदास के मंदिर है जो आज भी श्रद्धालुओं की भीड़ लगती है
अन्य महत्वपूर्ण कुरुक्षेत्र तीर्थ स्थल-धार्मिक स्थल
करुक्षेत्र जिले के तीर्थ स्थल व मंदिर हरियाण राज्य में सबसे ज्यादा है इसीलिए इसे हरियाणा का हिंदू तीर्थ स्थल कहा गया है तो आइए आज पढ़ते है हरियाणा राज्य के जिले कुरुक्षेत्र के तीर्थ स्थल-धार्मिक स्थल
नाम | स्थान |
अरुणाय तीर्थ | अरुणाय |
ब्रहमयोनि तीर्थ | पेहवा |
शालिहोत्र तीर्थ | सारसा |
सोम तीर्थ | सैंसा |
शुक्र तीर्थ | सतौड़ा |
गालव तीर्थ | गुलडेहरा |
सप्तसारस्वत तीर्थ | मांगणा |
सोम तीर्थ | गुमथला गढ़ू |
मणिपूरक तीर्थ | मुर्तजापुर |
भूरिश्रवा तीर्थ | भोर सैदाना |
लोमश तीर्थ | लोहार माजरा |
काम्यक तीर्थ | कमौदा |
करण का टीला | मिर्जापुर |
नाभिकमल | थानेसर |
रन्तुक यक्ष | बीड़ पीपली |
ओजस तीर्थ | शमशीपुर |
रेणुका तीर्थ | रणाचा |
प्रिय दोस्तो आशा करता हूँ कि मेरे द्वारा दी गई जानकारी कुरुक्षेत्र तीर्थ स्थल-धार्मिक स्थल आपको समझ आए होंगे अगर फिर भी कोई तीर्थ स्थल राह जाता है तो आप हमारे साथ सांझा कर सकते है