प्रिय पाठकों, आज हम आपके लिए लेकर आये है हरियाणा की मूर्तिकला व चित्रकला (Famous sculpture and painting of Haryana) के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी, इसमे कुछ प्रश्न उत्तर आने वाले HSSC के किसी भी एग्जाम मे पूछे जा सकते हैै, अगर आपके पास हरियाणा की मूर्तिकला से सम्बंधित कोई जानकारी है तो आप हमारे कॉमेंट बॉक्स में सांझा कर सकते है
हरियाणा की मूर्तिकला व चित्रकला
जिस तरह हरियाणा राज्य की कला व संस्कृति पूरे विदेश में प्रसिद्ध है उसी प्रकार हरियाणा की मूर्तिकला व चित्रकला भी विदेशोंके प्रसिद्ध है क्योकि यहाँ की अधिकतर मूर्तिया हाथ से व पत्थर से बनाई गई जो आकर्षण का केंद्र है
हरियाणा की प्रसिद्ध मंदिर में से मूर्तियों में पंचकूला स्थित मनसा देवी मंदिर की मूर्ति बहुत प्रसिद्ध है, जो उत्तर भारत में बहुत ज्यादा प्रसिद्ध है और यहाँ अन्य देवी देवताओँ की मूर्तियां विस्थापित की गई है तो आइए देखते है हरियाणा की मूर्तिकला व चित्रकला किस जिले में और कहां पर स्थापित की गई है
यक्ष व यक्षिणी की मूर्ति
यह हरियाणा की सबसे प्राचीन मूर्ति है जो पोखर व तालाब के किनारे पर पाई जाती है यह मुख्यत फरीदाबाद, हथीन, पलवल व भदास नामक स्थानों पर पाई जाती है
शुंग व कुषाण कालीन मूर्ति
यह मूर्तिया मुख्य रूप में लाल पत्थरों से बनी होती है ये मूर्तिया सौंध (फरीदाबाद), सांघेल (गुरुग्राम) व खोखरखोट (रोहतक) से प्राप्त हुई है
महात्मा बुद्ध की मूर्ति
ये मूर्तिया मुख्य रूप से ब्रह्मानवास रोहतक से व नौरंगाबाद भिवानी से मिली है इए दोनों जगहों से महात्मा बुद्ध की सम्पूर्ण मूर्ति मिली है
जबकि महात्मा बुद्ध के सिर की मूर्तियां कुरुक्षेत्र, रोहतक व गुरुग्राम से प्राप्त हुई है
भगवान विष्णु की मूर्ति
भगवान विष्णु की मूर्ति रोहतक के मोहनबाड़ी नामक स्थान से मिली है
शेष शैय्या पर लेटे हुए भगवान विष्णु की मूर्ति सोनीपत के फिजिलपुर नामक स्थान से मिली है
त्रिविक्रम भगवान विष्णु की मूर्ति कैथल की सीवन नामक स्थान पर प्राप्त हुई है
सूर्य स्तम्भव व सूर्य देव की मूर्ति
सूर्य स्तम्ब की मूर्ति कुरुक्षेत्र जिले के अमीर थानेसर नामक स्थान पर मिली है
जबकि सूर्य देव की मूर्ति हिसार के अग्रोहा नामक स्थान पर प्राप्त हुई है और काले व सफेद रंग की मूर्तियां हिसार के सीसवाल गाँव से प्राप्त हुई है
शिव की मूर्ति
उतर गुप्तकालीन भगवान शिव की मूर्ति हिसार के बरवाला व भिवानी के नौरंगाबाद नामक स्थानप पर मिली है और इन मूर्तियों में सुंदरता का अभाव काफी गहरा है
और गुप्तकाल की प्रकृति को दर्शाने के लिए भगवान शिव की मूर्ति गुरुग्राम के हरनौल नामक स्थान से प्राप्त हुई है
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न हरियाणा की मूर्तिकला व चित्रकला
हरियाणा में मथुरा मूर्ति कला का प्रभाव सबसे अधिक पड़ा है उसके बाद गांधार कला और द्रविड़ कला का प्रभाव पड़ा है
मूर्ति कला का सबसे ज्यादा विकास गुप्तकाल में हुआ था
भगवान बलराम की मूर्ति रोहतक के अस्थल बोहर नामक स्थान पर मिली है
जैन की मूर्तियां हांसी व बरवाला से प्राप्त हुई है
हवनकुंड व यज्ञ की मूर्ति पलवल से प्राप्त हुई है
भगवान शिव के वाहन नंदी की मूर्ति सोनीपत जिले में मिली है
कृष्ण से सम्बंधित चित्रकला व उनके कार्यो से सम्बंधित चित्र रेवाड़ी जिले में दर्शाये गए है
भिवानी के मिताथल व फतेहाबाद के बनवाली से सैन्धव कालीन वस्तुएं व पुते हुए मृदभांड प्राप्त हुए है
भगवान पुराण की दो पांडु लिपिया कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से प्राप्त हुई है
यूनानी मूर्तिकार माप व तोल दोनों ला सहारा लेते थे
चित्रित मृदभांड वैदिक काल की संस्कृति को दर्शाता है
वैदिक काल का दूसरा नाम लौह युग है
शराब से धूत स्त्री, फूल तोड़ती कामिनी, आभूषणों से सजी व नाचती हुई स्त्री आदि गैर धार्मिक मूर्तिया भी हरियाणा से प्राप्त हुई है
7वी शताब्दी में हर्ष के पास अच्छे चित्रकार थे
18 वी शताब्दी में चित्रकला को रेवाड़ी जिले में प्रोत्साहन मिला
दोस्तो आशा करते है कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी हरियाणा की मूर्तिकला व चित्रकला से आप संतुष्ट होंगे, और अधिक जानकारी लेने के लिए हमारे साथ जुड़िये टेलीग्राम ग्रुप में