प्रिय पाठकों, आज हम लेकर आये है आपके लिए भारत के प्रसिद्ध पर्वत व पहाड़ियाँ (Famous Mountains and Hills of India) के बारे में विस्ततृ जानकारी, ताकिआपके आने वाले एग्जाम में इनमे से कोई प्रश्न आये तो आप उसका आसानी से जवाब दे सकते है तो आइए पढ़ते है भारत के प्रसिद्ध पर्वत व पहाड़ियाँ (Famous Mountains and Hills of India) के बारे में विस्तारपूर्वक
Famous Mountains and Hills of India(भारत के प्रसिद्ध पर्वत व पहाड़ियाँ)
दोस्तो यहां हम आपको भारत के प्रसिद्ध पर्वत व पहाड़ियाँ (Famous Mountains and Hills of India) के बारे में जानकारी देंगे कि कौन नका पहाड़ी किस राज्य में स्तिथ है और उसकी ऊंचाई क्या है जिनका वर्णन नीचे दर्शाया गया है
कराकोरम
यह एक विशाल पर्वत श्रृंखला है जिसका विस्तार भारत, चीन व पाकिस्तान तक फैला हुआ है यह एशिया की विशाल पर्वतमाला में से एक है कराकोरम शब्द क्रिगीज भाषा से लिया गया है जिसका अर्थ होता है काली भूरी मिट्टी, संस्कृत में इसे कृष्णागिरी यानी काला पहाड़ के नाम से जानते है इसकी ऊंचाई 8611 मीटर है इस पर्वतमाला में दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची चोटी K2 शामिल है
कैलाश श्रेणी
इसे अस्टापद, गणपर्वत और रजतगिरि भी कहते है यह तिब्बत में स्थित एक पर्वत श्रेणी है जिसके पश्चिम में मानसरोवर और दक्षिण में राक्षसताल झील है इसकी ऊंचाई 6638 मीटर है
लद्दाख श्रेणी
यह भारत के लदाख क्षेत्र के सिंधु नदी व श्योक नदी के मध्य में स्थित है जिसका विस्तार जम्मू कश्मीर तक फैला हुआ है लेह भी इसी पर्वतमाला के चरणों मे स्थित है
जास्कर श्रेणी
यह जम्मू कश्मीर व लद्दाख के मध्य मे स्थित है जो ज़ंस्कार को लद्दाख से अलग करती है इसकी ऊंचाई लगभग 6000 मीटर है यह टेथिस हिमालय का एक हिस्सा है जस्कर नदी भी इसी सीमा से होकर बहती है
पीरपंजाल श्रेणी
यह हिमालय की एक पर्वतमाला है जो हिमाचल प्रदेश व जम्मू और कश्मीर मे स्थित है इस श्रेणी मे सबसे ऊंचा इंद्रसन पर्वत है जिसकी ऊंचाई 6221 मीटर है कश्मीर का प्रसिद्ध गुलमर्ग पर्यटन स्थल इसी शृंखला मे स्थित है यह भी भारत के प्रसिद्ध पर्वत व पहाड़ियाँ में से एक है
नंगा पर्वत
यह दुनिया की नोवी सबसे उकनही चोटी है जिसकी ऊंचाई 8126 मीटर है यह कातिल पहाड़ से भी जाना जाता है क्योंकि इसके ऊपर चढ़ने बहुत से लोगों की जान जा चुकी है यह गिलगित-बल्तिस्तान के क्षेत्र में आता है
कामेत पर्वत
कामेत पर्वत का नाम तिब्बती भाषा के कांग्मेद शब्द के आधार पर रखा गया है। तिब्बती लोग इसे कांग्मेद पहाड़ भी कहते हैं यह भारत के उत्तरखंड मे स्थित है और नंदा देवी के बाद सबसे ऊंचा पर्वत है जिसकी ऊंचाई 7756 मीटर है यह भारत मे तीसरा सबसे ऊंचा पर्वत है
नंदा देवी
यह भारत के दूसरी सबसे ऊंची चोटी है जिसकी ऊंचाई 7817 मीटर है और यह उत्तरांचल राज्य में पूर्व में गौरीगंगा तथा पश्चिम में ऋषिगंगा घाटियों के बीच स्थित है इस चोटी को उत्तरांचल राज्य में मुख्य देवी के रूप में पूजा जाता है
धौलागिरि
यह हिमाचल प्रदेश मे स्थित है जो नेपाल से होकर कालीगण्डकी नदी से आरम्भ होकर 120 किमी दूर स्थित भेरी नदी तक चलता है यह दुनिया का 7 वा सबसे ऊंचा पर्वत शिखर है जिसकी ऊंचाई 8167 मीटर है
गुरू शिखर (1722)
यह राजस्थान की सबसे ऊंची चोटी है जिसकी ऊंचाई 1722 मीटर है राजस्थान के अरबुदा पहाड़ों में एक चोटी है जो अरावली पर्वतमाला का उच्चतम बिंदु है इस ऊंची चोटी पर भगवान विष्णु का मंदिर भी बना हुआ है
भारत के प्रसिद्ध पर्वत व पहाड़ियाँ (Famous Mountains and Hills of India)
मांउट एवरेस्ट (8848)
यह दुनिया की सबसे ऊंची चोटी है जिसकी ऊंचाई 8848 मीटर है यह हिमालय का हिस्सा है नेपाल में इसे सगरमाथा के नामनाम से जानते हैं चीन मे इसे चोमोलंगमा अर्थात पर्वतों की रानी के नाम से जाना जाता है यह नेपाल व चीन के बॉर्डर पर स्थित है कुछ वैज्ञानिको ने सर्वेक्षण किया है कि इसकी ऊंचाई प्रतिवर्ष 2 से॰मी॰ के हिसाब से बढ़ रही है और यह भारत के प्रसिद्ध पर्वत व पहाड़ियाँ में से एक है
खासी,जयंतिया,गारो पहाडियां
ब्रिटीश काल मे यह असम क्षेत्र के अंतर्गत आती थी लेकिन अब यह मेघालय क्षेत्र के अंर्तगत आती है समुंदर तल से इसकी ऊंचाई 6000 फुट है और अधिकांश भागों में इसकी ऊंचाई 3 से 4 हज़ार फुट है
नागा पहाड़ी
इसे नागा पर्वत श्रृंखला भी कहते है यह भारत के नागालैण्डव बर्मा के बॉर्डर पर स्थित है इसकी ऊँचाई 3825 मीटर है नागा पहाड़ी पर का नाम बर्मा के लोगो द्वारा ही रखा गया है नागा का अर्थ होता है छेदे हुए कान वाले लोग
अरावली श्रेणी व माउंटआबू
अरावली श्रेणी भारत बीके पश्चिम भाग में राजस्थान राज्य में स्थित है राजस्थान में इए आडवाला पर्वत के नाम भी जाना जाता है यह संसार की सबसे प्राचीन पर्वतमाला है इस पर्वतमाला का सबसे उच्चतम बिंदु गुरुशिखर है
जिसकी ऊंचाई 1722 मीटर है जो सिरोह जिले माउंटआबू के पास में स्थित है यह गुजरात, हरियाणा व राजस्थान आदि राज्यों में स्थित है इसी के साथ ही राजस्थान में एक माउंटआबू पर्वत है यह राजस्थान का एक पहाड़ी नगर है जिसे पहले अर्बुदांचल के नाम से जाना जाता था जिसकी समुंदर तल से ऊंचाई 1200 मीटर है
विन्ध्याचल श्रेणी
यह उत्तर भारत और दक्षिण भारत के बीच का विभाजक माना जाता है भूवैज्ञानिक दृष्टि से यह एक पर्वतमाला नही है बल्कि मध्य भारत की अनेक पर्वतमालाओं का ऐतिहासिक सामूहिक नाम है जो गुजरात, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार आदि राज्यों में स्थित है
सतपुड़ा पहाड़ी
यह भारत के मध्य भाग मध्यप्रदेश में स्थित है और नर्मदा व ताप्ती नदी के किनारे पर बसी हुई जहाँ पर राजपिपला, महादेव व मैकाल की पहाड़ियां है इस पर्वत श्रेणी की सबसे ऊंची चोटी धूपगढ़ है जिसकी ऊंचाई 1350 मीटर है जो महादेव पर्वत पर स्थित है यह गुजरात, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र आदि राज्यों में स्थित है
महादेव पहाड़ी
महादेव पहाड़ियाँ भारत की नर्मदा नदी और ताप्ती नदियों के बीच स्थित हैं यह सतपुड़ा पर्वतश्रेणी का एक उच्चतम भाग है प्रसिद्ध पंचमढ़ी पर्यटन स्थल इसी पर्वत श्रेणी पर स्थित है इस पहाड़ियों पर 2 से 3 हज़ार फ़ुट तक की ऊँचाई वाले पठार हैं यहाँ की अधिकांश पहाड़ियाँ आद्य महाकल्प व गोडवाना काल के लाल बलुआ पत्थरों से बनी हुई है
मैकाल पहाड़ी
यह भारत के छतीसगढ़ राज्य में स्थित है इस पर्वतमाला की सबसे ऊंची चोटी अमरकंटक है जिसकी ऊंचाई 1036 मीटर है मैकाल के पठार से नर्मदा, सोन, महानदी निकलती है
राजमहल पहाड़ी
यह भारत के झारखंड राज्य में स्थित है समुन्द्र तल से इसकी ऊंचाई 200 से 300 मीटर है भूवैज्ञानिकों के अनुसार इन पहाड़ियों का निर्माण जुरासिक काल से हुआ है राजमहल पहाड़ियों का नाम राजमहल शहर के नाम पर रखा गया है
सतमाला पहाडी
यह पहाड़ियां महाराष्ट्र के नासिक में स्थित हैं इस पहाड़ी की सबसे ऊंची चोटी ढोडाप है जिसकी ऊंचाई 1,451 मीटर है यह महाराष्ट्र की तीसरी सबसे ऊंची चोटी है नासिक की सबसे महत्वपूर्ण सीमा सतमाला रेंज है जो हार की तरह दिखता है यह भारत के प्रसिद्ध पर्वत व पहाड़ियाँ मे से एक है
अजंता श्रेणी
यह भारत के महाराष्ट्र राज्य मे स्थित है यही एक एसी श्रेणी है जो केवल एक ही राज्य मे फैली हुई है यह श्रेणी ताप्ती नदी के पश्चिम से पूर्व की ओर फैली हुई है
महेन्द्रगिारि पहाड़ी
यह भारत के उड़ीसा राज्य के दक्षिण मे स्थित है इसकी ऊंचाई 1501 मीटर है यह उड़ीसा राज्य की दूसरी सबसे ऊंची चोटी है अनावर्तीकरण के कारण यहाँ कुछ पहाड़ों के टुकड़े हो गए जिनके कारण इन पहड़ियों मे खनिज पाए जाते है
महाबलेषवर पहाड़ी
यह ब हरत के महराष्ट्र राज्य मे स्थित है इस पहाड़ी को महाराष्ट्र के हिल स्टेशनों की रानी कहा जाता है महाबलेश्वर सह्याद्रि पर्वत से निकलने वाली कृष्णा नदी का उद्गम स्थल भी है इस पहाड़ी को पांच नदियों की भूमि भी कहा जाता है यहां वीना, गायत्री, सावित्री, कोयना और कृष्णा नामक पांच नदियां बहती है
नीलगिरि पहाड़ी
यह भारत के तमिलनाडु राज्य में स्थित है और यह तमिलनाडु राज्य का प्रमुख पर्यटक स्थल है और बहुत ही खूबसूरत है इसकी सबसे ऊंची चोटी डोड्डाबेट्टा है जिसकी कुल ऊंचाई 2637 मीटर है
अन्नामलाई पहाड़ी
यह भारत के तमिलनाडु राज्य में स्थित है इस पहाड़ी की सबसे ऊंची चोटी अनाईमुडी है जिसकी ऊंचाई 2695 मीटर है इस स्थान पर सबसे ज्यादा हाथी पाए जाते है इसीलिए इन पहाड़ियों को हाथियों का पहाड़ भी कहा जाता है यह दक्षिण भारत की सबसे ऊंची चोटी है
छोटा नागपुर का पठार
यह भारत के झारखंड राज्य मे स्थित है इसका कुल क्षेत्रफल 65000 वर्ग किलोमीटर है इसकी सबसे ऊंची चोटी पारसनाथ पहाड़ी है जिसकी ऊंचाई 1350 मीटर है यह तीन छोटे छोटे पठारों से मिलकर बना है जिनमे राँची का पठार, हजारीबाग का पठार और कोडरमा का पठार शामिल है।
बुंदेलखण्ड पठार
यह मध्यप्रदेश व उत्तर प्रदेश राज्य के मध्य मे स्थित है इस पठार की सबसे ऊंची चोटी सिद्ध बाबा है जिसकी ऊंचाई 1172 मीटर है यह पत्थर ज्वालामुखी पर्तदार और रवेदार चट्टानों से बना है और यहाँ नीस व ग्रेनाइट अधिक मात्रा मे पाया जाता है
बघेल खण्ड पठार
यह मध्य प्रदेश राज्य के उत्तर-पूर्वी ओर स्थित है इसका कुछ हिस्सा उत्तरप्रदेश मे भी शामिल है यह पठार गोंडवाना शैल से निर्मित है इस पठार का कुल क्षेत्रफल 25500 वर्ग किलोमीटर है
तेलांगना पठार
यह भारत के आंध्रप्रदेश राज्य में स्थित है और यह नर्मदा नदी के तट पर स्थित है दक्कन के पठार का मुख्य भाग है
मैसूर पठार
यह भारत के कर्नाटक राज्य के दक्षिण में स्तिथ है, और इसके पश्चिम और दक्षिण में पश्चिमी घाट है और कावेरी नदी का अधिकांश भाग मैसूर पठार में कर्नाटक से होकर बहता है, इस क्षेत्र की औसत ऊंचाई 600-900 मीटर के बीच है
दोदाबेटा
यह तमिलनाडु राज्य में स्थित है इस पर्वत की औसत ऊंचाई 2637 मीटर है, इसकी चोटी पर मौसम विज्ञान वेधशाला भी है, यह चोटी ऊटी से केवल 10 किलोमीटर दूर है इसलिए यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है
इलाइची पहाड़ियां
यह भारत के केरल व तमिलनाडु राज्य में स्थित है इसे कार्डोमम पहाड़ी भी कहते है इन पहाड़ियों में इलाइची बहुत पाई जाती है इसलिए इन्हें इलाइची पहाड़ी कहते है इनकी ऊंचाई 2695 मीटर है
डाफ्ला पहाड़ियां
इस पहाड़ी में डाफीला नाम की जनजाति बस्ती है इसलिए इन्हें डाफिला पहाड़ी कहते है यह भारत के अरुणाचल प्रदेश व असम की पश्चिमी भाग में स्थित है
मिषमी पहाड़िया
यह भारत के अरुणाचल प्रदेश में स्थित है इसे मिश्मी पहाड़ी भी कहते है
मिकिर पहाड़ी
यह भारत के असम राज्य में स्थित है यह मिकर जाति के लोग रहते है इसलिए इन्हें मिकिर की पहाड़ी कहा जाता है यहाँ अधिकतर लोग झूम की खेती करते हैं, इस पहाड़ी की सबसे ऊंची चोटी डंबचको है
लुशाई
यह भारत के मिजोरम राज्य में स्थित है इसका कुछ हिस्सा त्रिपुरा में भी स्थित है इसे मिजो पहाड़ियां भी कहा जाता है इस पहाड़ी की सबसे ऊंची चोटी फोंगपुई है जिसकी ऊंचाई 2157 मीटर है
गाडविन आस्टिन चोटी (के2)
यह विश्व का दूसरा सबसे ऊंचा पर्वत है जिसकी ऊंचाई 8611 मीटर है और यह भारत के प्रसिद्ध पर्वत व पहाड़ियाँ में से एक है इसका कुछ हिस्सा भारत के जम्मू कश्मीर काराकोरम की बाउंड्री से लगता है ज्यादातर हिस्सा इसका चीन व पाकिस्तान से लगता है इसका नामकरण हेनरी हैवरशम गाडविन आस्टिन (1834-1923) के नाम पर हुआ है उसके बाद इसका सर्वेक्षण किया गया जिसके बाद इसका नाम K2 रखा गया
कंचनजंघा
यह विश्व की तीसरी सबसे ऊंची चोटी है जो भारत के सिक्किम राज्य के उत्तर पश्चिम भाग में नेपाल की सीमा पर स्तिथ है इसकी ऊंचाई 8685 मीटर है तिब्बती लोगों ने इसका नामकरण कांग-छेन-दजों-ंगा या यांग-छेन-दजो-ंगा के आधार पर किया गया जिसका अर्थ है विशाल हिम की पांच निधियाँ है
भारत के प्रसिद्ध पर्वत व पहाड़ियाँ (Famous Mountains and Hills of India)
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