प्रिय दोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये है कैथल के धार्मिक स्थल, तीर्थ स्थल ताकि आप आने वाले एग्जाम की तैयारी कर सके। अगर कोई धार्मिक स्थल व तीर्थ स्थल रह जाता है तो आप कमेंट बॉक्स में हमारे साथ सांझा कर सकते है
यह महाभारत समय का ऐतिहासिक शहर था पहले यह करनाल ओर कुरुक्षेत्र जिले के अंतर्गत आता था और कपिलस्थल के नाम से जाना जाता था लेकिन 1 नवंबर 1989 को इसे जिला घोषित कर दिया गया
कैथल के धार्मिक स्थल, तीर्थ स्थल
कैथल के तीर्थ स्थल व मंदिर व मेले पूरे हरियाणा प्रदेश में प्राचीन काल से ही प्रसिद्ध है। यहां आज आपको कैथल जिले के तीर्थ स्थल के बारे मे जानकारी देंगे ताकि आप आने वाले एग्जाम की तैयारी कर सके
वैसे तो कैथल जिले के धार्मिक स्थल, तीर्थ स्थल बहुत सारे लेकिन हम आपको सिर्फ वो ही तीर्थ स्थल की जानकारी देंगे जो महत्वपूर्ण है और जो आपके एग्जाम में आते है
गुरुद्वारा नीम साहिब
यह गुरुद्वारा ठण्डर तीर्थ स्थल पर स्थित है इस के पास एक नीम का पेड़ है जहां पर गुरुगोविंद सिंह जी एक दिन इस पेड़ के निचे रुके थे और किसी बीमार व्यक्ति को नीम के पत्ते खिलाकर उसे ठीक किया था और उसके बाद इस गुरुद्वारे का निर्माण हुआ और उसी दिन किसी श्रद्धालु ने गुरुगोबिंद सिंह को अपने घर बुलाया था और उस जगह पर आज एक बड़ा मंजी साहिब गुरुद्वारा बन चुका है
बाबा लदाना का डेरा
यह कैथल जिले के गाँव बाबा लदाना में स्थित है राजपुरी डेरे में एकदशी ओर लाखो श्रद्धालु आते है और पूजा करते है इसका मुख्य डेरा गाँव लदाना में है यह एक धार्मिक स्थल है
काव्य तीर्थ
यह करोड़ा गाँव मे स्थित है इस तीर्थ स्थल पर ब्रह्मा जी ने यज्ञ किया था और यह लगभग 6 एकड़ में फैला हुआ है
पुण्डरीक सरोवर
यह तीर्थ स्थल कैथल जिले से 15 किमी दूर पूंडरी गाँव मे स्थित है यह लगभग 35 एकड़ में फैला हुआ है यह कुरुक्षेत्र भूमि में स्थित विशाल तीर्थों में से एक है। सरोवर के पश्चिमी तट पर स्नान करने से व्यक्ति पुण्डरीक यज्ञ के फल को प्राप्त
करता है
नवग्रह तीर्थ स्थल
इन तीर्थ स्थल का निर्माण भगवान श्रीकृष्ण ने नवग्रह यज्ञ का अनुष्ठान युधिष्ठिर के हाथों करवाया था इस तीर्थ स्थल में सूर्यकुण्ड, बुद्धकुण्ड, चंद्रकुण्ड, वीरकुण्ड, शुक्रकुण्ड, शनिकुण्ड आदि कुंड है इन्हीं कुंडो के कारण कैथल को छोटी काशी के नाम से भी जाना जाता है
गंधर्व तीर्थ
यह कैथल के गोहरनखेड़ी गाँव मे स्थित है और यह गंधर्वो से सम्बंधित होने के कारण इसका नाम गंधर्व तीर्थ रखा गया है और बलराम ने इस स्थान की यात्रा की थी
लवकुश तीर्थ
यह कैथल जिले के मुंदड़ी गांव में स्थित है इसी स्थान पर भगवान राम एवं सीता जी के पुत्र लव एवं कुश ने महर्षि बाल्मीकि से रामायण के सम्पूर्ण श्लोक कण्ठस्थ कर लिए थे। जनसामान्य में ऐसा विश्वास पाया जाता है कि लव एवं कुश को सम्पूर्ण रामायण कण्ठस्थ करवा देने के पश्चात् उन्होंने मौन धारण कर लिया था।
ध्रुवकुण्ड तीर्थ
यह धेरड़ू नामक स्थान पर स्थित है
धु्रव ने इसी स्थान पर रहकर घोर तपस्या की थी। ध्रुव से सम्बन्धित होने के कारण ही यह तीर्थ ध्रुव कुण्ड के नाम से विख्यात हुआ
श्रृंगी ऋषि तीर्थ
यह कैथल जिले के सांघन गाँव में स्थित है यह तीर्थ स्थल शंखनी देवी के नाम से प्रसिद्ध है
ब्रह्मवर्त तीर्थ
यह प्रभावत गाँव में स्थित है ब्रह्मावर्त नामक तीर्थ में स्नान करने पर व्यक्ति निःसन्देह ब्रह्मज्ञानी हो जाता है एवं वह अपनी इच्छा के अनुसार अपने प्राणों का परित्याग करता है
इक्षुमति तीर्थ
यह सरस्वती नदी के किनारे पोलड़ ग्राम में एक प्राचीन टीले पर स्थित है। पोलड़ नामक ग्राम में स्थित यह तीर्थ किसी देवता अथवा ऋर्षि से सम्बन्धित न होकर एक प्राचीन नदी से सम्बन्धित है
गढ़रथेश्वर तीर्थ
यह कौल नामक स्थान पर स्थित है इसी स्थान पर यशस्वी दानवीर कर्ण के रथ का पहिया जमीन में धँस गया था। इसी कारण महापराक्रमी अर्जुन के द्वारा कर्ण का वध कर दिया गया था
नवदुर्गा तीर्थ
यह कैथल जिले के देवीगढ़ नामक स्थान पर स्थित है और इस स्थान पर दुर्गा माता का मंदिर है जहाँ लोग पूजा करते है
कपिल मुनि तीर्थ
यह कैथल के कलायत में स्थित है कपिल मुनि ने अध्यात्मज्ञान देकर उन्हें मोक्ष के लिए भक्ति मार्ग का अनुसरण करने की प्रेरणा दी
पवनहृद तीर्थ
यख कैथल के पबनावा गाँव में स्थित है पवन देवता से सम्बन्धित होने के कारण ही इस तीर्थ का नाम पवनह्रद पड़ा
अन्य कैथल के धार्मिक स्थल, तीर्थ स्थल
तीर्थ स्थल का नाम | स्थान का नाम |
फल्गु तीर्थ | फरल |
पवनेश्वर तीर्थ | फरल |
त्रिविष्टप तीर्थ | ट्यौंठा |
कोटिकूट तीर्थ | क्योड़क |
बंटेश्वर तीर्थ | बरोट |
नमिष तीर्थ | नौच |
वेदवती तीर्थ | बलवन्ती |
वृद्ध केदार तीर्थ | कैथल |
सारक तीर्थ | शेरगढ़ |
मानुष तीर्थ | मानस |
ग्यारह रुद्री तीर्थ | कैथल |
जूहोमि तीर्थ | हजवाना |
विष्णूपद तीर्थ | बरसाणा |
यज्ञसंजन तीर्थ | ग्यौंग |
कपिलमुनि तीर्थ | कौल |
कुलोत्तारण तीर्थ | कौल |
मातृ तीर्थ | रसूलपुर |
सूर्यकुण्ड तीर्थ | हाबड़ी |
हव्य तीर्थ | भाना |
चक्रमणि तीर्थ | सेरधा |
रसमंगल तीर्थ | सोंघल |
मुक्तेश्वर तीर्थ | मटोर |
श्री तीर्थ | कसान |
श्रीकुंज तीर्थ | बनपुरा |
सुतीर्थ तीर्थ | सोंथा |
अरंतुक यक्ष | बेहरजक्ष |
गोभवन तीर्थ | गुहाना |
सूर्यकुण्ड | सजुमा |
शीतवन/स्वर्गद्वार तीर्थ | सीवन |
ब्रह्मौदुम्बर तीर्थ | शीलाखेड़ी |
अन्यजन्म तीर्थ | ड्योडाखेड़ी |
देवी तीर्थ | कलसी |
कुकृत्यनाशन तीर्थ | कौकत |
वामन तीर्थ | सोंघल |
ऋणमोचन तीर्थ | रसीना |
अलेपक तीर्थ | शाकरा |
देवी तीर्थ | मोहना |
आशा करता हुँ मेरे द्वारा दी गई जानकारी कैथल के धार्मिक स्थल, तीर्थ स्थल से आप सतुंष्ट होंगे और अधिक जानकारी के लिये जुड़िये हमारे साथ