HSSC Gram Sachiv Exam Most Important Question (हरियाणा पंचायती राज व्यवस्था के महत्वपूर्ण प्रश्न)

HSSC Gram Sachiv Exam Most Important Question (हरियाणा पंचायती राज व्यवस्था के महत्वपूर्ण प्रश्न)

प्रिय पाठकों, आज हम आपके लिए लेकर आये है HSSC Gram Sachiv Exam Most Important Question(हरियाणा पंचायती राज व्यवस्था के महत्वपूर्ण प्रश्न) के बारे में महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर जो आपको आने वाले एग्जाम में काफी मदद करेंगे ये प्रश्न उत्तर आपके ग्राम सचिव व कनाल पटवारी व पटवारी के आने वाले एग्जाम में से पूछे जा सकते है तो आइए पढ़ते है HSSC Gram Sachiv & Patwari Exam Most Important Question (हरियाणा पंचायती राज व्यवस्था के महत्वपूर्ण प्रश्न) के बारे में विस्तारपूर्वक

HSSC Gram Sachiv Exam Most Important Question

दोस्तो यहां हम सबसे पहले पंचायती राज व्यवस्था के बारे में जानेंगे उसके बाद यह कितने प्रकार की होती है और भारत और हरियाणा में यह कब लागू की गई इसके बारे में जानेंगे

पंचायती राज व्यवस्था

यह ग्रामीण भारत की स्थानीय स्वशासन की प्रणाली है। जिस तरह शहर को चलाने के लिए नगरपालिकाओं तथा उपनगरपालिकाओं की आवश्यकता होती है उसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों को चलाने के लिए स्वशासन की आवश्यकता होती है जिसे स्थानीय भाषा मे हम ग्राम पंचायत कहते है पंचायती राज व्यवस्था की प्रमुख तीन संस्थायें है:

  • ग्राम स्तर पर
  • ब्लॉक स्तर पर
  • जिला स्तर पर

इन तीनों संस्थाओं का काम आर्थिक विकास करना, समाज को मजबूत बनाना, न्याय व कानून व्यवस्था को उच्च स्तर पर लेकर जाना और राज्य सरकार व केंद्र सरकार द्वारा संचालित सभी योजनाओं को लागू करना आदि कार्य करने होते है।

भारत मे स्वशासन का जनक लॉर्ड रिपीन को माना जाता है उन्होंने ने सबसे पहले स्वशासन सम्बन्धी प्रस्ताव दिया था। आजादी के बाद 1957 में योजना आयोग व सामुदायिक विकास कार्यक्रम (वर्ष 1952) और राष्ट्रीय विस्तार सेवा कार्यक्रम (वर्ष 1953) के अध्ययन के लिये बलवंत राय मेहता समिति का गठन किया गया 

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जवाहर लाल नेहरू

और नवंबर 1957 के आस-पास त्रि स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था लागू करने का सुझाव दिया।  तत्पश्चात 1958 ने राष्ट्रीय विकास परिषद जे बलवंत राय मेहता समिति की सिफारिशें स्वीकार की। उसके बाद 2 अक्टूबर 1959 को तत्कालीन भारत के प्रधानमंत्री श्री जवाहर लाल नेहरू ने राजस्थान के नागौर जिले के बगदरी गांव में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था का उद्घाटन किया।  उसके बाद 11 अक्तूबर 1959 को यह आंध्रप्रदेश में लागू किया गया।

वर्ष 1993 में 73वें संविधान संशोधन में भारत में त्रि:स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था को संवैधानिक दर्जा प्राप्त हुआ।  सविंधान अनुच्छेद 40 में राज्य में पंचायतों के गठन का निर्देश दिया। जो निम्न प्रकार से है:- 

  • ग्राम पंचायत (ग्राम स्तर पर)
  • पंचायत समिति (मध्यवर्ती स्तर पर)
  • जिला परिषद (जिला स्तर पर)

भारत मे मुख्य 8 प्रकार से शहरी स्थानीय शासन निम्न प्रकार से है:-

  • नगर निगम
  • नगरपालिका
  • अधिसूचित क्षेत्र समिति- (नोटिफाइड एरिया समिति)
  • नगर क्षेत्र समिति (टाउन एरिया समिति)
  • छावनी परिषद/बोर्ड
  • टाउनशिप
  • पोर्ट ट्रस्ट
  • स्पेशल  एजेंसी

पंचायती राज से संबंधित विभिन्न समितियाँ

बलवंत राय मेहता समिति (1956:57)

पंचायती राज व्यवस्था में तीन स्तर होते है

  • सबसे निम्न स्तर:  ग्राम पंचायत 
  • मध्यम स्तर पर  पंचायत समिति 
  • अंतिम स्तर व जिला स्तर पर जिला परिषद 

सदीक अली समिति

इस समिति का गठन 1964 में किया गया। इस समिति का मुख्य सुझाव यह था कि जिला परिषद के प्रमुख के चुनाव में ग्राम पंचायत के अध्यक्ष तथा सभी सदस्य सम्मिलित होंगे।

गिरधारी लाल व्यास समिति

इस समिति का गठन 1973 में किया गया। इसका मुख्य सुझाव ग्रामीण विकास को मजबूत करने के लिए जिला परिषद का गठन होना चाइये और वितिय संसाधन उपलब्ध होने चाहिए।

अशोक मेहता समिति (1977:78)

इस समिति का गठन 1977-78 में किया गया था।  इसका मुख्य सुझाव पंचायती राज व्यवस्था द्विस्तरीय होनी चाहिए और जिला स्तर पर मुख्य कार्यकारी संस्था हो और राजनैतिक पार्टियों को सभी सतर पर चुनाव लड़ने का अधिकार हो। जिनका कार्यकाल 4 वर्ष का होना चाहिए।

हनुमंत राय समिति

इसका गठन 1982 में किया गया था। इसका मुख्य सुझाव पंचायती राज व्यवस्थाओं में स्थानीय भागेदारी अधिक से अधिक होनी चाहिये।

जी वी के राव समिति (1985)

इस समिति का गठन 1985 में किया गया था। इसका मुख्य सुझाव हर जिले के परिषद में जिला विकास आयुक्त की नियुक्ति होनी चाहिए और चुनाव समय पर होने चाहिए।

डॉ एल ऍम सिन्घवी समिति (1986)

इस समिति का गठन 1986 में किया गया था। इस समिति का मुख्य सुझाव पंचयात राज व्यवस्था को संवैधानिक दर्जा मिले और ग्राम सभा का गठन होना चाहिए और आर्थिक संशाधन उपलब्ध होने चाहिए

पी के थगुन समिति

इस समिति का गठन 1988-89 में किया गया। इसका मुख्य सुझाव पंचयात राज व्यवस्था को संवैधानिक दर्जा मिले और जिला स्तर पर राजनैतिक व प्रशासनिक व्यवस्था लागू होनी चाहिए।

हरलाल सिंघवी समिति

इस समिति का गठन 1990 में किया गया। इसका मुख्य सुझाव पंचायती राज व्यवस्था में सरकार द्वारा दी गई राशि को बढ़ाना चाहिए।

हरियाणा पंचायती राज व्यवस्था के महत्वपूर्ण तथ्य

हरियाणा राज्य 1 नवंबर, 1966 को अस्तित्व में आया और पंजाब ग्राम पंचायत अधिनियम, 1952 हरियाणा में पीआरआई (PRIs) के लिए लागू किया गया।

73 वें संवैधानिक संशोधन के बाद हरियाणा पंचायती राज अधिनियम 1994 को 1992 में बनाया गया था।  हरियाणा में पंचायती राज अधिनियम 22 अप्रैल, 1994 में लागू हुआ जबकि हरियाणा में पंचायती राज नियमावली की रचना 24 अगस्त 1994 में की गई थी। अधिनियम अनुसूचित 16 फरवरी 1995 को लागू किया गया।

इसके बाद हरियाणा पंचायती राज वित्त बजट / लेखा / लेखा परीक्षा / कराधान और कार्य नियम 1996 भी 14 अगस्त, 1996 को अधिसूचित किए गए।

तो आइये अब पढ़ते है हरियाणा पंचायती राज व्यवस्था से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर

भारत में पंचायती राज अधिनियम लागू : 24 अप्रैल, 1993

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पी.वी. नरसिम्हा राव

भारत में स्थानीय स्वशासन का जनक: लॉर्ड रिपन

73वें संविधान संशोधन के अनुसार पंचायती राज संस्था का कार्यकाल: 5 वर्ष 

73वें और 74वें संविधान संशोधन के समय भारत के प्रधानमंत्री: पी.वी. नरसिम्हा राव

पंचायती राज चुनाव पर गठित समिति के अध्यक्ष: के संथानम

भारत में त्रि स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था: ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद्

संविधान के भाग:4 में:  ग्राम पंचायतों की स्थापना

पंचायती राज व्यवस्था में ग्राम पंचायत का गठन: ग्राम स्तर पर

पंचायती राज व्यवस्था प्रदान करता है: स्थानीय स्तर पर लोकतांत्रिक प्रशासन

पंचायती राज का मुख्य उद्देश्य:  जनता को प्रशासन में भागीदारी बनाना 

पंचायती राज की सबसे छोटी इकाई:  ग्राम पंचायत

पंचायती राज संस्थाओं के उच्चतम स्तर: जिला परिषद्

पंचायती राज संस्थाओं के निम्नतर स्तर: ग्राम सभा व पंचायत

पंचायती राज संस्थाओं के संगठन के दो स्तर होने का सुझाव: अशोक मेहता समिति

संविधान के किस भाग में पंचायती राज व्यवस्था का वर्णन:  भाग 9 में 

भारत में सबसे पहले पंचायती राज व्यवस्था का उद्घाटन किया: तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने 2 अटकूबर 1959 को

भारत मे सबसे पहले पंचायती राज व्यवस्था: राजस्थान के नागौर जिले के बगदारी गाँव मे तथा उसके बाद आंध्रप्रदेश में

हरियाणा में पंचायती राज अधिनियम लागू : 24 अप्रैल, 1994

पंचायती राज का उदय:  बलवंतराय मेहता समिति की सिफारिसों के आधार

EVM का प्रयोग करने वाला पहला राज्य: हरियाणा

भारत मे पहली बार मतदान का उपयोग: केरल विधानसभा मे 1982 मे

EVM से सभी विधानसभा चुनाव हुए है: गोवा 1999 मे

EVM से भारत मे एक साथ विधानसभा मे चुनाव: 2004 मे 14 वी लोकसभा मे

हरियाणा मे ग्रामीण स्वशासन की शुरुआत: 22 अप्रैल 1994 मे चौ  भजन लाल के समय

पंचायती राज किस सूची मे आता है: 11 वी

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डॉ. भीम राव अंबेडकर

पंचायती राज व्यवस्था मे शिक्षा की शर्त: 7 सितंबर 2015

पंचायती राज व्यवस्था मे कुल विषय: 29

पंचायती राज व्यवस्था का विरोध करने वाला एकमात्र व्यक्ति: डा भीम राव अंबेडकर

पंचायती राज प्रणाली नहीं है: अरुणाचल प्रदेश

पंचायती राज मे ST/SC को आरक्षण दिया: 83 वे सविधान संशोधन मे 2000 मे

ग्राम पंचायत का निर्वाचन:  राज्य सरकार पर निर्भर 

पंचायती राज की मुख्य उपलब्धि :  राजनीतिक चेतना का विकास करना 

पंचायती राज विषय है: राज्य सूची में

73वें संविधान संशोधन के अनुसार पंचायती राज व्यवस्था मे  महिलाओं के लिए पद:  एक तिहाई

चार स्तरीय पंचायतों वाला राज्य: पश्चिमी बंगाल 

भारत की पहली नगरपालिका परिषद् 1687-88 में मद्रास में गठित की गई थी

वर्ष 1726 में नगरपालिका परिषद् की स्थापना मुंबई व कलकत्ता में की गई थी

पंचायती राज व्यवस्था के चुनाव मे शैक्षिक योग्यता करने वाला पहला राज्य: राजस्थान

UNO द्वारा भारत का पहला मिलेनियम गांव चुना गया: राजस्थान के चुरू जिले के अमरपुरा गांव को

हरियाणा पंचायती राज व्यवस्था के महत्वपूर्ण प्रश्न

हरियाणा पंचायती राज व्यवस्था मे चुनाव मे शैक्षिक योग्यता: सामान्य वर्ग के लिए 10 वी महिलाओ व SC के लिए 8 वी

चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम आयु: 21 वर्ष

सरपंच का चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम आयु: 21 वर्ष

जिला स्तर पर पंचायत अधिकारी: DDPO

ब्लॉक स्तर पर: BDPO

सभी पंचायत को online करने वाला पहला ब्लॉक: रानिया, सिरसा

ग्राम पंचायतों मे पंचों की संख्या: न्यूनतम 6 और अधिकतम 20

हरियाणा पंचायत भवन का मुख्यालय: चंडीगढ़ सेक्टर 28

उप सरपंच का पद समाप्त किया: 14 अगस्त 1996 मे

पहला ग्राम सचिवालय: हैबतपुर जींद

पहला स्वप्रेरित आदर्श गाँव: सुई , भिवानी

हरियाणा मे कैबिनेट की तर्ज पर काम करने वाली पहली पंचायत: तलवाड़ा, फतेहाबाद

राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार जीतने वाली पहली पंचायत: दुबड़ी, करनाल

पहली स्वच्छ ग्राम पंचायत: सुल्तानपुरिया, सिरसा

घूँघट प्रथा को समाप्त करने वाली पहली पंचायत: चौशाला, कैथल

सबसे कम उम्र की पहली महिला सरपंच: रेखा रानी, 21 वर्ष, गाँव चपला मोरी, फतेहाबाद

पंचायत राज से संबंधित क्यों व कैसे नायक पुस्तक लिखी: बनारसी दास गुप्ता

प्रदेश की पहली बाल विवाह मुक्त पंचायत: गांधी नगर, हिसार

गाँव की बेटी का विवाह उस गाँव मे होगा जहां शौचालय होगा, फैसला लेने वाली पंचायत: गोदिका, सिरसा

अभी हाल ही में 24 अप्रैल 2021 को माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंचायती राज से सम्बंधित निम्न पुरस्कार प्रदान किये है

  • नानाजी देशमुखराष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार: बधाना ग्राम पंचायत, जींद
  • ग्राम पंचायत विकास योजना पुरस्कार: मिर्जापुर ग्राम पंचायत, रोहतक
  • बाल हितेषी ग्राम पंचायत पुरस्कार: कन्हौर, रोहतक
  • दीन दयाल उपाध्याय पंचायत पुरस्कार: अम्बाला जिला
  • इसके इलावा शामडी (सोनीपत) व नारयाला ( फरीदाबाद), सीवन (कैथल) आदि ग्राम पंचायतों को सम्मानित किया गया है
  • 1308 ग्राम पंचायतों को प्रोपर्टी कार्ड दिया गया

पंचायती जमीन पर बाग शुरु करने वाला पहला जिला: यमुनानगर

किस योजना के तहत प्रदेश को लाल डोरा से मुक्त किया जाएगा: स्वामित्व योजना

हरियाणा प्रदेश की पहली ई ग्राम सभा: बुंदबन यमुनानगर

किस गांव के सरपंच सुनील जागलान ने सेल्फी विद डॉक्टर नामक पुस्तक लिखी है: बीबीपुर और हाल ही में सेल्फी विद डावरी अभियान की शुरुआत की है और नेपाल देश भी इस बीबीपुर गांव के मॉडल को देखकर इन्हें सम्मानित कर चुका है

हरियाणा पंचायती राज व्यवस्था

हरियाणा मे पंचायती राज व्यवस्था है

  • सबसे निम्न स्तर: जिसे ग्राम पंचायत कहते है
  • मध्यम स्तर पर: पंचायत समिति
  • अंतिम स्तर: जिला परिषद कहते है

पंचायती राज प्रणाली का प्राथमिक निकाय: ग्राम सभा

पंचायती राज प्रणाली का प्राथमिक स्तर: ग्राम पंचायत

पंचायती राज प्रणाली का उच्च स्तर: जिला परिषद

पंचायती चुनाव किस की देख रेख मे होते है: राज्य चुनाव आयोग

चौ बंसीलाल ने किस वर्ष सरपंच चुनने का अधिकार पुन: पंचों को दिया था: 1971 मे

चौ देवीलाल ने किस वर्ष पंचों से सरपंच चुनने का अधिकार वापिस ले लिया था: 1978 मे

चौ भजन लाल ने किस वर्ष सरपंचों का कार्यकाल 5 वर्ष स घटाकर 3 वर्ष कर दिया था: 1991 मे

राज्य मे सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत को कौन स पुरस्कार दिया जाता है: चौ देवीलाल पुरस्कार, 10 लाख रुपये

पंचायती राज मे पंचायत का अर्थ होता है: पाँच की सभा  

पंचायती राज मे राज का अर्थ होता है: रूल व नियम

पंचायती राज प्रणाली किस सिद्धांत पर आधारित है: सत्ता के विकेन्द्रीकरण

पंचायती राज का वास्तुकार व जनक किसे कहा जाता है: बलवंत राय मेहता को

ग्राम पंचायत का गठन होता है: प्रत्यक्ष चुनाव के आधार पर

पंचायत समिति का पदेन सचिव होता है: आयुक्त या कमिश्नर

हाल ही कितनी नई पंचायतों का गठन: 106 और यमुनानगर जिले मे 18 नई पंचायते गठन की गई है

पंचायती राज की सूची का विषय है: राज्य सूची का

पंचायती राज प्रणाली पर आधारित है: ग्रामीण स्थानीय स्वशासन पर

उप सरपंच का चुनाव कौन करता है: नई ग्राम पंचायत के सदस्य

पंचायती राज किस प्रकार की विधि है: शासन विधि

1977 में जनता दल सरकार ने पंचायती राज में सुधार के लिए किस समिति का गठन किया: अशोक मेहता समिति

त्रिस्तरीय पंचायती राज का सुझाव किसने दिया: बलवंत राय समिति, 1957 में

द्वी स्तरीय पंचायती राज का सुझाव किसने दिया: 1977 में, आशिक मेहता समिति

पंचायतों को संवैधानिक दर्जा देने का सुझाव: 1986, एल एम सिंघवी समिति

26 अप्रैल 2015 को हरियाणा में ई पंचायत सवांद सेवा शुरू की गई है

2 अक्टूबर 2009 को 50 वर्ष पूरे होने पर स्वर्ण जयंती वर्ष मनाया गया

हरियाणा देश का पहला राज्य जहां पर जिला स्तर पर जिला परिषद समिति गठित की है

किस पालिसी के तहत सभी ग्राम पंचायतों को WI-FI से जोडने का कार्य किया जाएगा: Haryana Information Technology and Electronic System Design and Manufacturing Policy

धारा 147 के तहत जिला परिषद कोई भी अधिनियम ला सकती है

धारा 167 के तहत वोटर लिस्ट तैयार करना

धारा 168 के तहत कोई भी वोटर एक से अधिक जगह रजिस्टर नही कर सकता

धारा 220 के हरियाणा रूरल डिवेलपमेंट ऑथोरिटी बनाई गई

हरियाणा पंचायती राज व्यवस्था से सम्बंधित योजना

7 स्टार इंद्रधनुष योजना

7 स्टार विलेज स्कीम हरियाणा सरकार ने ग्रामीण इलाकों की दशा में सुधार के लिए चलाई गई है, इस योजना के द्वारा राज्य सरकार द्वारा ग्राम पंचायत को सहायता दी जाएगी ताकि उनके कार्यो में सुधार आ सके

इनका निरिक्षण ग्राम पंचायत द्वारा किया जायेगा, जब ग्राम पंचायत का चयन हो जायेगा उसके बाद चुने हुए गाँवो को पंचायत विकास विभाग द्वारा अनुदान प्रदान किया जायेगा और इसे इंद्रधनुष ग्राम पंचायत के नाम से जाना जाएगा 

  • गुलाबी कलर : ग्राम पंचायत द्वारा ग्राम लेवल पर लिंग अनुपात को देखकर गाँव को पिंक कलर प्रदान किया जायेगा
  • हरा कलर: ग्राम पंचायत द्वारा पर्यावरण को लेकर कार्य को ग्रीन कलर प्रदान किया जाता है.
  • सफ़ेद कलर : किसी गाँव के द्वारा अपने व अपने आस पास की सफाई को किये गए कार्यो को सफेद कलर प्रदान किया जायेगा
  • केसरिया कलर : ग्राम पंचायत द्वारा गाँव में अपराध को कम या ख़तम करने के लिए केसरिया कलर प्रदान किया जाता है.
  • आसमानी रंग : ग्राम पंचायत द्वारा गाँव के सभी बच्चों को शिक्षित करने केे लिए आसमानी कलर प्रदान किया जाएगा
  • गोल्डन कलर : जब गाँव का प्रत्येक व्यक्ति सुशासन में रहता है तो गाँव को गोल्डन कलर प्रदान किया जाता है.
  • सिल्वर कलर : गाँव और गाँव के लोगों के विकास के लिए हर गतिविधि में भाग लेने वाले गाँव को सिल्वर कलर प्रदान किया जायेगा

दीनदयाल आवास योजना

दीनदयाल जन आवास योजना की शुरुआत 23 अगस्त 2017 को की गई थी, इस योजना का उद्देश्य यह है कि जो प्लॉट्स है वो 150 स्क्वायर मीटर्स के साथ 2.0 फ्लोर एरिया रेश्यो में स्पेस का ध्यान रख कर बनाया जाये इस योजना में कॉलोनाईजर को 7.5% की जो जगह है तो ओपन स्पेस के लिए होनी चाहिए

मंगल विकास योजना

यह योजना की शुरुआत हरियाणा सरकार द्वारा 18 मार्च 2017 की गई है यह योजना शहरी क्षेत्रों में लागू की जाएगी

दीनबन्धु हरियाणा ग्राम उदय योजना

इस योजना की शुरुआत 18 मार्च 2017 को की गई है, दीनबंधु हरियाणा ग्राम उदय योजना के तहत राज्य सरकार ने 3,000 से 10,000 लोगों की आबादी वाले 1500 गांवों का विकास करने का लक्ष्य रखा है। योजना के अनुसार सरकार गांवों में भी, शहरी क्षेत्रों की तर्ज पर ही सरकार सामाजिक और आर्थिक बुनियादी सुविधाएं प्रदान करेगी

हरियाणा मे नगर निगम

कुल नगर निगम: 11

नई 11वीं नगर निगम: मानेसर, गठन 23 दिसंबर 2020

क्षेत्रफल 124.32 वर्ग किलोमीटर,

मानेसर नगर निगम में गांव की संख्या: 29

प्रथम नगर निगम: फरीदाबाद मई 1994

द्वितीय नगर निगम: गुरुग्राम गठन 2008 

हिसार, रोहतक, पंचकूला, यमुनानगर, करनाल, अंबाला, पानीपत को नगर निगम का दर्जा:  2010 में

10 वे नगर निगम के रूप में सोनीपत का गठन किया गया था: 1 जून 2015

जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा नगर निगम: फरीदाबाद

जनसंख्या की दृष्टि से सबसे छोटा नगर निगम: पंचकूला 

कुल नगर परिषद: 22( नुहु को हाल ही मे घोषित किया गया है)

कुल नगरपालिका: 58

कुल गाँव: 6841 है 2011 के अनुसार

वर्तमान मे कुल गाँव है: 7356

कुल ग्राम पंचायत: 6197

पंचायत समिति

सदस्य: दो तरह के सदस्य होते है एक निर्वाचित व पदेन सदस्य (वोट डालने का अधिकार नहीं होता)

मुख्य सरकरी अधिकारी(BDPO)

प्रधान/ चेयरमेन 

उप प्रधान/ चेयरमेन 

पंचायत समिति सदस्य 

नगरीय स्थानीय स्वशासन

नगरपालिका: शहरी क्षेत्रों मे जिनकी संख्या 20 हजार से 1 लाख के मद्य होती है नगरपालिका का गठन किया जाता है

नगर परिषद: शहरी क्षेत्रों मे जिनकी संख्या 1 लाख से 5 लाख के मध्य हो वहाँ नगर परिषद का गठन किया जाता है

नगर निगम: 5 लाख से आधुकन जनसंख्या वाले क्षेत्रों मे नगर निगम का गठन किया जाता है

जिला परिषद

हरियाणा मे कुल 22 जिला परिषद है अभी हाल ही मे नुहु को जिला परिषद घोषित किया गया है जिला परिषद का गठन 4 लाख की जनसंख्या पर किया जाता है

सदस्य दो प्रकार कर होते है:

  • निर्वाचित: जिला प्रमुख, उपजीला प्रमुख, जिला परिषद सदस्य
  • पदेन सदस्य: सभी पंचायत समिति के प्रधान व सांसद व विधायक

मुख्य सरकारी अधिकारी(CEO)

जिला प्रमुख

उप जिला प्रमुख

जिला परिषद के सदस्य 

हरियाणा पंचायती राज अधिनियम

सुप्रीम कोर्ट ने 11 दिसंबर 2015 को हरियाणा पंचायती राज संशोधन अधिनियम बरकरार रखा लेकिन शर्ते लगा दी गई

  • जिन्होंने कृषि ऋण न चुकाया हो
  • बिजली बिल का भुगतान न करने वाले व्यक्ति
  • जिनके पास न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता केटेगरी अनुसार
  • जिनके घर शौचालय न हों
  • किसी अपराध के मामले में 10 वर्ष की सजा हो चुकी हो

हरियाणा पंचायती राज दूसरा अधिनियम

हरियाणा पंचायती राज दूसरा अधिनियम 2020 को अधिसूचना 2 फरवरी 2021को प्रकाशित की गई जबकि इसका हिंदी अनुवाद 27 जनवरी 2021 को हरियाणा के राज्यपाल द्वारा स्वीकृत किया गया जिसमे ग्रामीण इलाकों में 50 प्रतिशत महिलाओं को चुनाव लड़ने का आरक्षण दिया जाएगा और यह बिल भी विधानसभा में पारित हो चुका है

पंचायत से संबंधित अनुच्छेद

अनुच्छेद 243: पंचायत से सम्बन्धित परिभाषा का प्रावधान

अनुच्छेद 243 A : ग्राम सभा का प्रावधान किया गया है

अनुच्छेद 243 B पंचायतों के गठन का प्रावधान अनुच्छेद गया है

अनुच्छेद 243 C: पंचायतों की संरचना का प्रावधान किया

अनुच्छेद 243 D : पंचायत में स्थानों का आरक्षण

अनुच्छेद 243 E : पंचायतों की अवधि ।

अनुच्छेद 243 F : सदस्यता की निरर्हताए ।

अनुच्छेद 243 G : पंचायतों की शक्तियां उत्तरदायित्व

अनुच्छेद 243 H : पंचायतों द्वारा कर लगाने की शक्तियां

अनुच्छेद 243 I: वित्तीय स्थिति के पुनर्विलोकन के लिए वित्त आयोग का गठन ।

अनुच्छेद 243 J: पंचायतों के लेवाओं की संपरीक्षा

अनुच्छेद 243 K: पंचायतों के लिए निर्वाचन का प्रावधान

अनुच्छेद 243 L : संघ राज्यों पर लागू होना ।

अनुच्छेद 243 M : इस भाग का कतिपय क्षेत्रों में लागू न होना । ।

अनुच्छेद 243 N : विद्यमान विधियों और पंचायतों का बना रहना ।

अनुच्छेद 243 O : निर्वाचन सम्बन्धी मामलों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का वर्णन

नगरपालिका से सम्बन्धित अनुच्छेद

अनुच्छेद 243 P : परिभाषा

अनुच्छेद 243 Q : नगरपालिका का गठन

अनुच्छेद 243 R: नगरपालिका की संरचना

अनुच्छेद 243 S: वार्ड समितियों आदि का गठन व संरचना

अनुच्छेद 243 T: स्थानों का आरक्षण

अनुच्छेद 243 U : नगरपालिका की अवधि

अनुच्छेद 243 V : सदस्यता की अहंरताएं ।

अनुच्छेद 243 W : नगरपालिका की शक्तियां प्राधिकार और उत्तरदायित्व ।

अनुच्छेद 243 X : नगरपालिकाओं द्वारा कर अधिरोपित करने की शक्तियां और उनकी विधियां

अनुच्छेद 243 Y : वित्त आयोग का प्रावधान

अनुच्छेद 243 Z : नगरपालिकाओं के लेवाओं का संपरीक्षा का प्रावधान

अनुच्छेद 243 ZA : नगरपालिकाओं के लिए चुनाव का प्रावधान

अनुच्छेद 243 ZB: संघ / राज्यों का लागू होना ।

अनुच्छेद 243 ZC : इस भाग का कतिपय क्षेत्रों पर लागू न होना

अनुच्छेद 243 ZD: जिला योजना के लिए समिति

अनुच्छेद 243 ZE :महानगर योजना के लिए समिति

अनुच्छेद 243 ZF: विद्यमान विधियों और नगरपालिका का बना रहना

अनुच्छेद 243 ZB: निर्वाचन सम्बन्धी मामलों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का वर्णन

 

 

हरियाणा पंचायती राज व्यवस्था के महत्वपूर्ण प्रश्न

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