प्रिय पाठकों, आज हम पढ़ने जा रहे है हरियाणा के प्रसिद्ध साहित्यकार व उपन्यास( Famous litterateurs and novels of Haryana) के बारे में, अक्सर हरियाण के प्रसिद्ध साहित्यकार व उनकी रचना, उपन्यास, संस्कृत साहित्य, जैन साहित्य व भाषा से सम्बंधित HSSC के किसी भी एग्जाम में प्रश्न उत्तर पूछ लिए जाते है।
हम आपको इसके बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देंगे, ताकि आप आसानी से इस लेख को याद कर सके
हरियाणा के प्रसिद्ध साहित्यकार व उपन्यास( Famous litterateurs and novels of Haryana)
हरियाणा राज्य की कला, सभ्यता व संस्कृति समृद्ध है जो वर्तमान में भी जो देश के सर्वाधिक समृद्ध राज्यों में से एक है जैसा कि आपको ज्ञात है कि हरियाणा की संस्कृति व सभ्यता पूरे भारत वर्ष में प्रसिद्ध है उसी तरह हरियाणा के प्रसिद्ध साहित्यकार व उपन्यास, रचना प्रसिद्ध है खासतौर पर हरियाण की भाषा अर्थात हरियाणा की खड़ी बोली पूरे भारत देश मे प्रसिद्ध है
हरियाणा साहित्य की परंपरा प्राचीन काल से ही सरस्वती नदी के किनारे से ही आरंभ होती आ रही है विभिन्न भाषाओं में लिखे गए लेख, ग्रंथ वकविता संग्रह आदि हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा ही प्रकाशित किये जाते है
अगर हम हरियाणा का इतिहास उठा कर देखते है तो बहुत सारे साहित्यकार, उर्दू, संस्कृत व हिंदी आदि विषय हरियाणा में जन्मे है जिनका हरियाणा की संस्कृति में विशेष योगदान रहा है
हरियाणा साहित्य को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा सरकार भी हर संभव कोशिश कर रही है इसीलिए हरियाणा राज्य ने हरियाणा साहित्य एकेडमी का गठन किया है।
हरियाणा साहित्य एकेडमी का गठन 9 जुलाई 1970 को किया गया था इसका मुख्य उद्देश्य हरियाणा साहित्य विकास को प्रोत्साहित करना है और यह एकेडमी हरिगन्धा नामक मासिक पत्रिका प्रकाशित करती है और हरियाणा मे साहित्यकारों के लिए अलग अलग प्रकार से पुरस्कार वितरण करती है।
हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार
साहित्यकार का नाम | प्रमुख रचनाएं |
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भगवती | सीतासेतु |
बालमुकुंद | अश्रुमती, हिन्दी भाषा,अधखिला फूल, तारा, तुलसी सुधाकर, हिन्दी भाषा की भूमिका, |
गुलाब सिंह | भवर सामृत, माक्ष पंथ तथा प्रबोध चंद्रोदय |
नेमीचन्द्र | त्रिलोक दर्पण |
माणिक्य राज | अमरसेन चरित्र |
दंत कवि | बारहखड़ी |
बाणभट्ट | चंडी शतक, पार्वती परिणाम हर्षचरित, कादंबरी |
ईशदास | अंगद पैर, भरत मिलाप व सत्यवती कथा |
माधव प्रसाद मिश्र | माधव मिश्र निबंधावली |
शंभू दयाल | रुक्मणी मंगल |
संतोष सिंह | रामकोश, श्री गुरुनानक प्रकाश, गरव गजनी, वाल्मीकि रामायण, आत्म पुराण, गुरु प्रताप सूरज |
गरुडध्वज | धर्मध्वज |
सम्राट हर्षवर्धन | प्रियदर्शिका, रत्नावली, नागानन्द |
श्रीधर | चंद्रमा, शांतिनाथ, पार्श्वनाथ, वृद्धमान महावीर |
हरद्वारी लाल | सारस्वत |
मनभावन | वृज विनोद |
बूचराम | संतोष जयतिलक, नेभिनाथ वसंतु, नेभिश्वर का बारहभासा, टंडाणा गीत |
ठाकुर फेरु | वस्तुसार तथा रत्न परीक्षा |
रामचन्द्र | कुरुक्षेत्र महात्म्यम् |
निश्चलदास | विचार सागर, वृत्ति प्रभाकर, युक्ति प्रकाश |
ब्रजलाल सेंधी | निंबार्क संप्रदाय प्रकाश |
रामप्रसाद | स्वदेश दर्शन |
हरियाणा के प्रसिद्ध साहित्यकार
गोरखनाथ
इन्होंने हरियाणवी भाषा मे बहुत से राग व भजनों की रचनाए लिखी है, जिसमे पांडुलिपि में 49 राग व 182 पद संकलित हैं।
संत कबीर दास

इनका जन्म झज्जर जिले के छुड़ानी नामक स्थान पर 1717 में हुआ था। इन्होंने हरियाणवी भाषा में बहुत सी कविताओं की रचनाए लिखी है
दयाल दास
दयाल दास, संत कबीर दास जी के एकमात्र अराधक थे। उनके द्वारा रचित ग्रंथ विचार प्रकार नामक रचना काफी प्रचलित हुई।
ताऊ सांगी
19वी सदी के प्रसिद्ध साहित्यकार ताऊ सांगी, रुक्मणी विवाह जैसों ग्रंथों के रचनाकार है।
हरिदास
ये हरियाणवी भाषा के विख्यात कवि थे और राजा रतनसेन नामक हरियाणवी ग्रंथ के रचनाकार है।
सादुल्ला
ये हरियाणा के मेवात और नुहु क्षेत्र के विख्यात साहित्यकार है जिन्होंने महाभारत की रचना भी की है।
संत नित्यानंद
संत नित्यानंद ने संत सिद्धांत प्रकाश, नित्यानंद की भजन, बारहखड़ी आदि हरियाणवी रचनाओं के रचनाकार है।
अलीबख्श
अलीबख्श जी ने तमाशा राजा नल व कृष्ण लीला आदि सांगों के साथ दोहे व छंद और भजनों की रचनाए की है।
बंसीलाल
गुरु गुरमा, राजा गोपीचंद, राजा नल आदि के रचना के रचनाकार है।
राजाराम शास्त्री
हरियाणवी के सबसे पहले पद व छंद लिखने की शुरुआत राजा राम शास्त्री ने की थी।
योगेश्वर बालकराम
योगेश्वर बालकराम को पूरणभक्त, रामायण, कुंजड़ी, शालादे आदि हरियाणवी रचनाओ के रचनाकार माना जाता है।
गुलाम कादिर
गुलाम कादरी सूफी विचारधारा वाले महान साहित्यकार थे इनके द्वारा लिखी गई प्रेम लहर, प्रेम वाणी, प्रेम प्याला और इंतखाब आदि है । इनकी हरियाणवी चौपाई काफी प्रचलित है।
अहमद बख्श
इनकी प्रसिद्ध हरियाणवी रचनाएं जयमल -फत्ता, रामायण, गूंगा चौहान और पद्मिनी चंद किरण आदि है।
गोवर्धन सारस्वत
इनके द्वारा लिखे सांग कृष्ण लीला, महाभारत, जोधपुर नरेश जसवंत सिंह, माधव नल दुल्ला काम कंदला आदि है।
संत आत्मानंद
इन्होंने हरियाणवी भाषा में बहुत सारे भजन व गीत लिखे है।
कृष्णा गोस्वामी
गुलाब काबली और दिवाकर रचना के रचनाकार है।
शेर गुलाम हुसैन शाह
राम माल और दाहिने हाथ का शंख जैसी हरियाणवी रचना के रचनाकार है।
कवि शंकर लाल शुक्ल
इनके द्वारा लिखे गए सांग भक्तमाल और भक्त प्रह्लाद है।
संत हरदेव दास
यह भी हरियाणा के प्रसिद्ध साहित्यकार व उपन्यास में से एक थे।
हिन्दी के प्रसिद्ध उपन्यासकार
साहित्यकार का नाम | प्रमुख रचनाए |
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मधुकांत | गांव की ओर |
जयनारायण कौशिक | बूढ़ी सुहागिन व माटी का मोल |
मोहन चोपड़ा | एक धागा और मैं टूटा हुआ आदमी, नीम के पेड़, सुबह से पहले, बाहे ,ये लोग नए |
अमृत मदान | लाल धूप |
कृष्ण बाछल | अमानत एक शहीदों की |
उर्मि कृष्ण | वन व पहाड़ियां |
कृष्णा मदहोस | अंधा सफर |
रमेश चंद्र जैन | मेहंदी रची हाथ |
राजकुमार निजात | साये अपने- अपने |
शशी कुमार सिहल | अपने पराए व जाने अनजाने राहें |
राजाराम शास्त्री | झाड़ूफिरी |
अभिमन्यु अनंत | लाल पसीना |
हेमराज | सीप के मोती, मुझे भूल जाना, लाल बहादुर टूटे बंधन, प्रतिक्षा, बसंत फिर आएगी, तराशे हुए पत्थर |
हरियाणा के सूफी साहित्यकार
शेख मुहम्मद तुर्क
शेख मुहम्मद तुर्क हरियाणा प्रदेश पहले सूफी साहित्यकार थे, जिन्होंने हरियाणवी समाज व साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
राजा राम शास्त्री
राजा राम शास्त्री जी ने बारहमासा रचना की खोज की थी जो सूफी संत हजरत खैरुशाह की अनमोल के प्रसिद्ध रचना थी।
संत शाह गुलाम
सूफी संत शाह गुलाम की रोहतकी की चौपाईयां अपने तत्कालीन समय में काफी प्रचलित हुई थी।
शाह मुहम्मद रमजान शहीद
हादी- ए- हरियाणा के नाम से प्रसिद्ध शाह मुहम्मद रमजान शहीद है जिसकी रचना अकायदे- आजम है।
इसे हरियाणा गद्द की सर्वश्रेठ रचनाओं में से है। शाह रमजान को हिन्दी- ए- हरियाणा के नाम से भी जाना जाता है
हरियाणा के संस्कृत साहित्यकार
साहित्यकार का नाम | प्रमुख रचनाए |
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स्वामी हरिदास | दादुरामोदय |
आचार्य भगवान देव | कारिका प्रकाश गुरुकुल श्तकम, महाभाषायम् , नारायण स्वामिनीचरित्रम् , छन्द शास्त्रम् ,काव्यालंकार सूत्रादी , ,दयानंद लहरी, विरजनन्द चरित्रम् , ब्रह्माचर्यामृत्म् व ब्रह्माचार्यशतकम् |
पंडित माधवाचार्य शास्त्री | कबीर चरित्रम् |
महर्षि वेदव्यास | महाभारत, गीता, पुराण |
पंडित विद्याधर शास्त्री | उपनयन पद्धति, श्राद्धसार, ,विवाह पद्धति, वास्तुशांति पद्धति, शिक्षान्यास पद्धति,समार्तप्रभु, देवचयाज्ञिक पद्धति, सुलभ सूत्रवृति व कात्यायन श्रोत सूत्रवृति |
महाकवि मयूर | मयूराष्टक व सूर्यशतक |
सीताराम शास्त्री | साहित्यमोपदेश्य |
सत्यमेव वशिष्ठ | सत्यागृहनीति काव्यम्वि, ष्णुसहस्रानाम व नाड़ीतत्वदर्शनम्भा, षयम् |
पंडित विद्यानिधि | मैत्रीयणीसंहितोक्ता सूक्तिसंग्रह श्री भक्त फूल सिंह चरित्रम् , संक्षिप्ते रामायण महाभारते , महर्षि दयानंद, व्यवहार भानु, ऋग्वेद काव्य तत्वानि
|
पंडित जयराम शास्त्री | जवाहर बसंत साम्राज्य। |
पंडित छज्जूराम शास्त्री | संस्कृत साहित्य, कुरुक्षेत्राष्टकम, दुर्भाभ्युदयानानाकटम् , सुल्तान चरित्रम्। |
पंडित हरीपुण्य न्याय रत्न | चित्रबोधिनी |
हरियाणा के जैन साहित्यकार
साहित्यकार का नाम | प्रमुख रचनाए |
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जगतराय | सम्यकत्व कौमुदी, आगम विलास व पद्मनंदी पत्र विषन्तिका |
सुन्दर दास | सुन्दर शृंगार,सुन्दर विलास,सुन्दर सतसई, पाखंड पचासीका व धर्म सहेली |
बनारसी दास | नामा माला, नवरास रचना अर्द्ध कथानक, नाटक समयसार, बानरसी विलास, मोह विवेक युद्ध |
धर्मपाल | श्र्तु पंचमी रास व आदिनाथ स्तवन |
रूपचन्द्र पाण्डेय | मंगलगीत, गीत परमार्थी, रूपचन्द्र शतक व परमार्थी शतक। |
भगवती दास | जोगीरासा, मधु बिंधक चौपाई, सीता सुत, मनक रहरास, चतुर बंजारा, अनेकों अर्थमाला, टांडाना रास व मृणांककलेरवा चरित |
मालदेव | स्थूलभद्र फागु, पुरंदर चौपाई, देवदत्त चौपाई, विरांगत चौपाई, भोज प्रबंध, |
पुष्पदंत | कोश ग्रंथ, जसहर चरिउ व तिसट्ठय महापुरिस गुणालंकर। |
श्रीधर अपरवाल | पासणाह चरिउ, सुकमाल चरिउ, भंविसयत चरिउ व आमेर शास्त्र भंडार |
विजयानन्द सूरी | रत्नावली, नवतत्व, आत्मबावनी, जैन तत्वादर्श व अज्ञात तिथि भास्कर |
बूचराज उर्फ बल्ह | संतोष जयतिलक, फुटकर बसंत, नेमीश्वर बारहमासा, नेमीनाथ वसन्तु, , चेतन पुद्गल ढाल |
आनंदधन | आनंदधन बहोतरी |
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न हरियाणा के प्रसिद्ध साहित्यकार व उपन्यास
हरियाणा साहित्य अकादमी

- पत्रिका का नाम : हरिगंधा
- स्थापना वर्ष : 25 जुलाई 1971
- मुख्यालय : पंचकूला
हरियाणा ग्रन्थ अकादमी
- पत्रिका का नाम : कथा समय और सप्त सिंधु
- स्थापना वर्ष : 1970
- मुख्यालय : पंचकूला
हरियाणा उर्दू अकादमी
- पत्रिका का नाम: जमुना तट
- स्थापना : 22 दिसंबर 1985
- मुख्यालय : पंचकूला
हरियाणा संस्कृत साहित्य अकादमी
- पत्रिका का नाम: हरिप्रभा
- स्थापना: 8 अगस्त 2002
- मुख्यालय : पंचकूला
हरियाणा इतिहास व संस्कृत अकादमी
- स्थापना: 27 जुलाई 2006
- पुनर्गठन: 27 जुलाई 2010
- मुख्यालय : गुरुग्राम
हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी
- पत्रिका : शब्द बूंद
- स्थापना: 1996
हरियाणा कला परिषद
- मुख्यालय : चंडीगढ़
- स्थापना: 1995
हरियाणा का राज्य कवि : उदयभानू हंस
हरियाणा साहित्य का सबसे बड़ा सम्मान: सुर सम्मान, पहले यह पुरस्कार सुर पुरस्कार के नाम से दिया जाता था लेकिन 22 मई 2006 में इसका नाम बदलकर सुर सम्मान कर दिया गया यह पुरस्कार हिंदी व साहित्य के क्षेत्र में दिया जाता है
हरियाणा साहित्य अकादमी के अध्यक्ष व चेयरमैन: मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर
हरियाणावी भाषा का पहला उपन्यास: झाडूफिरी
कौरवी किस बोली का प्रारूप मानी जाती: खड़ी बोली
प्रसिद्ध पुस्तक पृथ्वीराज रासो लिखी : चंद्रबाई
हादी-ए-हरियाणा के नाम से प्रसिद्ध है: शाह मोहमद
हरियाणा की राजभाषा: हिंदी
हरियाणा का प्रथम सूफी सन्त: शेख मुहमद तुर्क
हरियाणवी भाषा का प्रथम उपन्यास लिखा: राजराम शास्त्री
हरियाणा के सुप्रसिद्ध सन्त: संत गरीबदास
संत कबीर दास का जन्म कहाँ हुआ: हरियाणा के झज्जर जिले में

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