हरियाणा के प्रसिद्ध मेले भाग-2 (Haryana Famous Top Fair Part-2)

हरियाणा के प्रसिद्ध मेले भाग-2

प्रिय पाठकों, Help2Youth के माध्यम से आज हम लेकर आए है हरियाणा के प्रसिद्ध मेले भाग-2  जिससे आप आने वाले HSSC, SSC, Bank Jobs आदि अनेक प्रकार की प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कर सकते है पिछले अध्याय मे हम हरियाणा के प्रसिद्ध मेले भाग-1 लेकर आए थे

हरियाणा के प्रसिद्ध मेले भाग-1 

हरियाणा के प्रसिद्ध मेले भाग-2

पिछले अध्याय में कुछ जिलों के मेले रह गए थे आज इस अध्याय मे हम बचे हुए जिलों के मेले पढ़ेंगे यहाँ आपको हरियाणा के प्रसिद्ध मेले भाग-2 जिले अनुसार देखने को मिलेंगे यदि फिर भी कोई मेला रह जाता है तो  हमारे साथ कॉमेंट बॉक्स मे सांझा कर सकते है

हरियाणा के प्रसिद्ध मेले भाग-2

कैथल जिले के मेले

फाल्गु का मेला

यह कैथल और कुरुक्षेत्र से 25 किलोमीटर दूर पूंडरी के पास फरल गांव में लगाया जाता है दूर दूर से इस मेले श्रद्धालु पिंडदान करने के लिए आते है महाभारत एवं वामन पुराण में इस तीर्थ का उल्लेख देवताओं की विशेष तपोस्थली के रूप में मिलता है।

पुंडरिक का मेला

यह मेला कैथल जिले के पूंडरी में लगाया जाता है और यह मेला ऋषि पुंडरिक के नाम पर अप्रैल महीने में  लगाया जाता है जो हिन्दुओ द्वारा पूजा जाता है

बाबा लूदाना का मेला

यह मेला कैथल के गांव लूदाना में हर वर्ष दशहरा, एकादशी व द्वादशी को विशाल मेला लगाया जाता है

करनाल जिले के मेले

बाबा सिमरन दास का मेला

यह मेला करनाल जिले कब इंद्री मकस्बे म लगाया जाता है इस मंदिर में बाबा सिमरन दास की समाधि बनी हुई है इसीलिए यह मेला उनकी समाधि पर अक्टूबर महीने में लगाया जाता है

देवी का मेला

यह मेला करनाल जिले के पटहेड़ा गांव में लगाया जाता है इस मेला के थोड़ी ही दूरी पर भगवान शिवजी म मन्दिर है और यह मेला अप्रैल महीने में लगाया जाता है

गोगपीर का मेला

यह मेला खेड़ा नामक जगह पर लगाया जाता है इस मेले में भादो शुक्लपक्ष के नवमी के दिन गोगा बाबा को प्रसाद चढ़ाते है व माथा टेकते है

परासर का मेला

यह करनाल जिले के तरावड़ी के पास बहलोलपुर गांव में महृषि तीर्थ में प्राचीन शिव मंदिर में लगाया जाता है इस माना जाता है कि महर्षि पाराशर, जिनकी ज्योतिष विद्या पूरे संसार में विख्यात है, इस मंदिर में तपस्या के लिए आए थे।महाभारत में दुर्योधन का वध यहीं हुआ था, जिसके बाद युद्ध समाप्त हो गया था।

यह मंदिर लगभग 32 एकड़ में फैला हुआ है और लोग मानते है कि इन मन्दिर में एलर्जी वाले लोग यहां स्नान करने आते है यदि 5 रविवार लगातार इस मंदिर में स्नान कर ले तो उसका रोग समाप्त हो जाता है इसलिए यह मेला भी हरियाणा के प्रसिद्ध मेले भाग-2 में एक है

पाण्डु का मेला

यह करनाल जिले के असन्ध में पपहाना में लगाया जाता है और यह मेला हर महीने लगाया जाता है इस मेले में श्रद्धालु स्नान करते है हरियाणा के प्रसिद्ध मेले भाग-2

छड़ियों का मेला

यह करनाल जिले के अमपुर नामक जगह पर लगाया जाता है उस मेले में धार्मिक छड़ी की पूजा की जाती है और यह सितंबर महीने में लगाया जाता है

जींद जिले के मेले

हटकेश्वर का मेला

यह मेला जींद जिले के हाट गाँव मे लगाया जाता है और यह सावन महीने के अंतिम शनिवार व रविवार को लगाया जाता है यहां पर महृषि दधीचि की तपस्थिली है

महाभारत युद्ध के समय इस स्थल को धार्मिक स्थल माना जाता है क्योकि यह श्रद्धालुओं के लिए  महर्षि दधिचि के रूप में दादा तीर्थ का भव्य मंदिर, बड़ा सरोवर, बाग, गौशाला, ऊंचे टीले पर बना दूधाधारी मंदिर विशेष आस्था का केंद्र भी बने हौ ताकि श्रद्धालु सभी के दर्शन कर सके।

बिलसर का मेला

यह मेला जींद जिले के हंसहैदर नामक जगह पे सोमवती अमावस्या के दिन लगाया जाता है

सच्चा सौदा का मेला

यह जींद जिले के सिंहपुरा गांव में लगाया जाता है और यह मेला गुरु तेग बहादुर की याद में व गुरु पर्व की पूर्णमासी के दिन लगाया जाता है इस मेले में ज्यादातर सिक्ख समाज के लोग देखने आते है

धमतान साहिब का मेला

यह मेला नरवाना से 10 किलोमीटर दूर जींद जिले में गुरुद्वारा धमतान साहिब नोवी पातशाही के पास लगाया जाता है ऐसा माना जाता है कि सिक्खों के नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर यहां आकर रूके थे तब से यहां मेला लगाया जाता है और यह हिंदू व सिक्खों की एकता का प्रतीक है

रामरायहद का मेला

यह मेला जींद जिले में बैसाखी व कार्तिक महीने की पूर्णमासी को लगाया जाता है यहां महर्षि परशुराम का मंदिर है जिसमे श्रद्धालु पूजा करते है हरियाणा के प्रसिद्ध मेले भाग-2

कुरुक्षेत्र जिले के मेले

सूर्यग्रहण का मेलासूर्य

यह मेल  ब्रह्मसरोवर पर कुरुक्षेत्र में लगाया जाता है और यह पूरे भारत व हरियाणा के प्रसिद्ध मेले भाग-2 में से एक है और यह श्रद्धालु सूर्यग्रहण के दिन इक्कठे होकर ब्रह्मसरोवर पर स्नान करते है और इस माना जाता है कि कुरुक्षेत्र में सूर्य ग्रहण तब  दिखाई देगा, जब तीनों लोकों के सभी तीर्थ तालाब और पवित्र नदियों तथा सभी देवी देवताओं का वास कुरुक्षेत्र के तीर्थों में होता है। हरियाणा के प्रसिद्ध मेले भाग-2

पेहोवा का मेला

यह मेला कुरुक्षेत्र से 28 किलोमीटर दूर सरस्वती नदी के तट पर लगाया जाता है  पिहोवा स्थित सरस्वती तीर्थ पर पितरों के लिए श्राद्ध, पिण्ड व तर्पण देने का विधान है। इस तीर्थ स्थल पर पृथ्वीश्वर महादेव का मंदिर है और मन्दिर के साथ ही कार्तिकेय मन्दिर है जहाँ कार्तिक को तेल चढ़ाया जाता है।

इस मन्दिर में महिलाओं का प्रवेश नही कर सकती है सरस्वती के इस पावन तीर्थ पर चैत्रमास की कृष्ण चतुर्दशी पर भारी मेला लगता हैं जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु स्नान व पिण्डदान हेतु यहाँ आते हैं।

यह भी है हरियाणा के प्रसिद्व मेले भाग-2 में से एक है जोचतुदर्शी पर आयोजित इस मेले का उल्लेख सरस्वती तीर्थ परिसर में स्थित बाबा गरीबनाथ के डेरे पर लगे प्रतिहार कालीन शिलालेख में भी मिलता है

देवी का मेला

यह मेला कुरुक्षेत्र जिले के शाहाबाद नामक स्थान पर लगाया जाता है यह हर साल चैत्र सप्तमी से दशमी तक लगाया जाता है इस मेले में श्रद्धालु सप्तमी को व्रत रखते है और अष्टमी को कढ़ाई करके मंदिर में पूजा करते है

मारकंडा का मेला

यह मेला कुरुक्षेत्र जिले के शाहाबाद में लगाया जाता है यहां पर मारकण्डेशवर मन्दिर है जिसमे यह मेला लगाया जाता है। इस मेले म काफी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ जमा होती है सीए बच्चों के तरह तरह के झूले व पकवान आदि की स्टाल लगाई जाती है

महावीर जयंती का मेला

यह मेला कुरुक्षेत्र जिले के लाडवा नामक स्थान पर लगाया जाता है और यह मेला महावीर जयंती के उपलक्ष्य में हर साल लगाया जाता है

बैशाखी का मेला

यह मेला कुरुक्षेत्र जिले में  हर साल 13 अप्रैल को मनाया जाता है और बैशाखी का पर्व रबी की फसल पक जाती है उसके बाद यह मेला लगाया जाता है इस दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम किया जाते है और लोग पिले वस्त्र पहनकर अनुष्ठान करते है

महेन्द्रगढ़ जिले के मेले

ढोसी का मेला

यह मेला नारनौल से 8 किलोमीटर दूर च्यवन ऋषि की याद में, सोमवती अमावस्या के अवसर पर एक बड़ा मेला लगाया जाता है। यह एक पवित्र स्थान है और इसे तीर्थ के रूप में भी जाना जाता है

बाबा भिलाई नाथ का मेला

यह मेला महेन्द्रगढ़ जिले के नांगलगढ़ क्षेत्र में फाल्गुन शुक्ल पक्ष को लगाया जाता है

बाबा केसरिया स्मृति का मेला

यह मेला महेन्द्रगढ़ जिले के गाँव मंडोला में हर साल दो दिवसीय मेला भादो कृष्ण पक्ष को लगाया जाता है

तीज का मेला

यह मेला नारनौल में श्रावण शुक्ल तृतीया को लगाया जाता है

शिवजी का मेला

यह मेला बागौत में लगाया जाता है यह धार्मिक रूप से एक बहुत महत्वपूर्ण स्थान है और महेंद्रगढ़ से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां एक प्रसिद्ध शिव मंदिर है। सावन के महीने में शिव-रात्रि की पूर्व संध्या पर एक बड़ा मेला लगाया जाता है

भूरा भवानी का मेला

यह मेला महेन्द्रगढ़ से 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित माता भवानी देवी के मंदिर में लगाया जाता है यह मंदिर गाँव बसने से पहले का है मन्नत पूरी होने के कारण व श्रद्धा बढ़ने के कारण इन मन्दिर की दिन प्रतिदिन लोकप्रियता बढ़ती जा रही है

हनुमान जी का मेला

यह महेन्द्रगढ़ जिले के खंड अटेली के राता गाँव मे हनुमान जी का बड़ा मेला लगाया जाता है

पानीपत जिले के मेले

माता का मेला

यह मेला पानीपत के तिवाह व बहौली जगह पर लगाया जाता है सुर चैत्र महीने में माता की पूजा की जाती है ऐसा माना जाता है कि माता का पूजा करने से बच्चों को बीमारियों से छुटकारा मिल जाता है

कलंदर की मजार का मेला

यह मेला बू अली शाह कलन्दर की दरगाह पर लगाया जाता है यह दरगाह 700 वर्ष पुरानी है जिसमें श्रद्धालु भारी संख्या में पारंपरिक कव्वालों के शानदार प्रदर्शन का आनंद लेने के लिए आते हैं।

शिवरात्रि का मेला

यह मेला भादढ़ गांव में शिवरात्रि के अवसर पर बहुत बड़ा मेला लगता है इस माना जाता है कि यहां शिव मंदिर में शिवलिंग खुद उत्पन्न हुए थे

पाथरी माता का मेला

यह मेला पानीपत सीक पाथरी गांव में चैत्र व आषाढ़ महीने के हर बुधवार को मेला लगाया जाता है इसे माता धतूनी के नाम भी जाना जाता है यह मंदिर 500 वर्ष पुराना है

रेवाड़ी जिले के मेले

बाबा सुरजगिरी का पौराणिक मेला

यह मेला रेवाड़ी जिले के खोरी गाँव मे चैत्र कृष्ण पक्ष के प्रथम को लगाया जाता है

बाबा पीर का मेला

यह मेला रेवाड़ी के धारूहेड़ा स्थान पर चैत्र कृष्ण पक्ष की चौदस को लगाया जाता हैimages

गोगा नवमी का मेला

यह रेवाड़ी जिले के गांव बीकानेर में स्थित जहार पीर गोगा महाराज के मंदिर में लगाया जाता है और हर साल बाबा की स्मृति में विशाल कुश्ती का आयोजन किया जाता है

बसंत पंचमी का मेला

यह मेला काठुवास स्थान पर लगाया जाता है यह माघ महीने के शुक्ल पंचमी को लगाया जाता है हरियाणा के प्रसिद्ध मेले भाग-2

शिवरात्रि का मेला

यह मेला महाशिवरात्रि के अवसर पर लगाया जाता है और यह खड़गवासज़ चिमना वास् व कन्हौरी नमक स्थान पर लगाया जाता है

सिरसा जिले के मेले

तीजो का मेला

यह मेला शुक्ल तीज पर लगाया जाता है इस दिन महिलाएं झूले झूलती है और मेले का भरपूर आनंद लेती है

गणगौर का मेला

इस मेले में नवविवाहित महिलाएं व युवतियां होली के बाद 16 दिन गणगौर की पूजा करती है और यह मेला चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष तृतीया को लगाया जाता है

बाबा सरसाईनाथ का मेला

यह मेला बाबा सरसाई नाथ मंदिर में लगाया जाता है और या एक।प्राचीन मंदिर है ऐसा माना जाता है कि सिरसा जिले की स्थापना सरसाईनाथ के नाम से हुई थी

बाबा भूमण शाह का मेला

बाबा भूमण शाह का मन्दिर सिरसा जिले के गांव शाहपुर बेगू में स्थित है उस मंदिर में यह मेला दो से तीन दिन तक लगाया जाता है इसके साथ ही यह मल्लेवाला, चकबानी व गीदड वाली में भी लगाया जाता है

रामदेव जी का मेला

भादो मास की दसवीं पर यह मेला गिरोरानी व चोपटा के पास कागदाना नामक स्थान पर लगाया जाता है

राधास्वामी का मेला

यह मेला सिरसा जिले के स्किन्दरपुर में हर साल लगाया जाता है और यह मेला भी हरियाणा के प्रसिद्व मेले भाग-2 में एक है इसीलिए यहां हर वर्ष राधा-स्वामी ब्यास के सिकंदरपुर डेरा में होने वाले सत्संग में हजारों श्रद्धालु पहुंचते है

गुरु नानक देव का मेला

वर्तमान में गुरुनानक देव जी की तपस्थली पर गुरुद्वारा चिल्ला साहिब बना हुआ है। ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। और यह गुरु नानक देव जी 40 दिनों तक रुके थे उर इसी की याद में इस गुरुद्वारे में बहुत बड़ा मेला लगाया जाता है। हरियाणा के प्रसिद्ध मेले भाग-2

सोनीपत जिले के मेले

डेरा नग्न बालनाथ का मेला

यह मेला सोनीपत जिले के रभड़ा तहसील में फाल्गुन शुक्ल पक्ष की नवमी को लगाया जाता है इस मेले श्रद्धालु बाबा बालकनाथ की पूजा करते है

नवरात्रि देवी का मेला

यह मेला भी रभड़ा के गोहाना में अष्टमी को लगाया जाता है इस मेले साल में 2 बार मार्च व सितम्बर महीने में लगाया जाता है

सतकुम्भा का मेला

यह मेला खेड़ी गुज्जर गाँव मे सोमवती अमावस्या पर लगाया जाता है इस मेले में श्रद्धालु स्नान करके मोक्ष की कामना करते है

शीतला माता का मेला

यह गोहाना से 20 किलोमीटर दूर गांव रढाणा में लगाया जाता है इस मंदिर में चैत्र व बैसाख माह में प्रति सोमवार को मेले लगते हैं। नवरात्र में दूर-दूर से श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने पहुंचते हैं यह मंदिर 700 साल पुराना है

बाबा रामकशाह का मेला

यह मेला ख़ूबड़ू गांव में फाल्गुन कि पूर्णमासी को लगाया जाता है यहां बाबा रामकशाह सम्प्रदाय के संत रहते थे और वो लोगो का जड़ी बूटियों से इलाज करते थे उनकी मृत्यु हो जाने के बाद गांव वालो ने उनकी कब्र बनवा दी और उसी की याद में यह मेला लगाया जाता है हरियाणा के प्रसिद्ध मेले भाग-2

रक्षाबंधन का मेला

यह मेला श्रावण महिमे ली पूर्णमासी को लगाया जाता है इस मेले म बच्चो के लिए झूले व सांस्कृतिक कार्यक्रम व खेलो का आयोजन भी किया जाता है

रोहतक जिले के मेले

बाबा मस्तनाथ का मेला

यह मेले रोहतक जिले के अस्थल बोहर में फरवरी से मार्च महीने में लगाया जाता है इस मेले यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं और बाबा की समाधि स्थल और धूने पर मत्था टेक कर मन्नत मांगते हैं। इसके साथ ही बाबा मस्तनाथ की समाधि पर गुड़ व काला कंबल चढ़ाकर पूजा करते हैं।हरियाणा के प्रसिद्ध मेले भाग-2

बाबा गनतीदास का मेला

यह मेला रोहतक जिले झज्जर बहादुरगढ़ रोड पर छुड़ानी गाँव मे फरवरी मार्च में लगाया जाता है

बाबा जमनादास का मेला

यह मेला रोहतक जिले के सोनिपत रोड पर भालौट में चैत्र शुक्ल पक्ष अष्टमी को लगाया जाता हैहरियाणा के प्रसिद्ध मेले भाग-2

शिवरात्रि का मेला

यह मेला रोहतक जिले के किलोई में साल के दो बार लगाया जाता है यह मेल फरवरी मार्च व जुलाई अगस्त में सावन में लगाया जाता है या मेले में कावड़िये शिवजी को कावड़ व गंगा जल चढ़ाते है

तीज का मेला

यह मेला हरियाण के प्रसिद्ध मेले भाग-2 में से एक है क्योंकि ये मेला पूरे प्रदेश में सावन के समय मनाया जाता है इस दिन महिलांए नए नए वस्त्र धारण करके झूला झूलती है और एक स्थान पर खड़े होकर गीत गाती है

जन्माष्टमी का मेला

यह मेला श्रीकृष्ण के जन्मदिवस पर जन्माष्टमी के अवसर पर अगस्त सितम्बर में लगाया जाता है यह मेला भी हरियाणा के प्रसिद्ध मेले भाग-2 में एक है यह हर जिले में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है

झज्जर जिले के मेले

श्याम जी का मेला

यह मेला फाल्गुन मास के एकादशी व द्वादशी के दिन बेरी से करीब 12 किलोमीटर दूर स्थित धार्मिक स्थल व दुर्वासा ऋषि की तपो भूमि माजरा-दूबलधन गांव जिला झज्जर में श्याम जी के विशाल मेले का आयोजन किया जाता है.

इस धार्मिक स्थल का जुड़ाव महाभारत के युद्ध से ही है इस मेले में नवविवाहित महिलाओं आशीर्वाद लेती है

भीमेश्वरी का मेला

यह मेला झज्जर जिले के बेरी  में लगाया जाता है जहाँ पर माता भीमेश्वरी  देवी माता का मंदिर है जहां श्रद्धालु ने छठे नवरात्र को माता के दर्शन कर उनसे मन्नतें मांगते है यह मंदिर भी बहुत प्रसिद्ध है

गोगा नवमी के मेला

यह मेला झज्जर जिले के बादली में लगाया जाता है और यह मेला अगस्त सितम्बर में भादो कृष्ण पक्ष नवमी को लगाया जाता है

बाबा बूढ़ा का मेला

यह मेला झज्जर जिले के आसौदा सिवान नामक स्थाम पर सितम्बर अक्टूबर में लगाया जाता है

चरखी दादरी जिले के मेले

हनुमान जी का मेला

यह मेला चरखी दादरी के कीकर बसनी नामक स्थान पर हर साल हनुमान जयंती पर बड़े धूमधाम से लगाया जाता है

पलवल जिले के मेले

सती का मेला

यह मेला पलवल जिले के होडल शहर में हर साल जनवरी महीने में लगाया जाता है यहां एक मंदिर है और सती नाम का तालाब है महिलाएं इस मंदिर में सती देवी की पूजा करती है

मेवात जिले के मेले

शिवजी का मेला

यह मेला मेवात जिले के पुन्हाना नगर मे फाल्गुन की चतुर्दस को लगाया जाता है

 

प्रिय पाठकों,आशा करता हु कि हरियाणा के प्रसिद्ध मेले भाग-2 जिले अनुसार पढ़कर आप संतुष्ट होंगे अगर फिर भी हरियाणा के प्रसिद्ध मेले भाग-2 में कोई मेला रह जाता है तो  हमारे साथ कॉमेंट बॉक्स मे सांझा कर सकते है

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