प्रिय पाठकों, इस लेख में हम आपके लिए लेकर आए है हरियाणा राज्य के सभी राष्ट्रीय उद्यान, जीव प्रजनन केंद्र व हरियाणा वन्यजीव अभ्यारण। तो दोस्तों हरियाणा सामान्य ज्ञान के इस अध्याय को अंत तक अवश्य पढ़े व विभिन्न परीक्षाओं के लिए स्वयं को तैयार करें। यदि कोई अन्य महत्वपूर्ण जानकारी, जो आप हमारे पाठकों के साथ सांझा करना चाहते है तो नीचे कॉमेंट बॉक्स में जरूर लिखे।
हरियाणा वन्यजीव अभ्यारण,प्रजनन केंद्र व राष्ट्रीय उद्यान
हरियाणा राज्य मुख्य रूप से एक कृषि प्रधान राज्य है।यहाँ 80% कृषि भूमि पर की जाती है। हरियाणा राज्य मे वन विभाग की स्थापना 1989 मे हई थी इसका मुख्यालय चंडीगढ़ मे है, धीरे धीरे मनुष्य अपने स्वार्थ के लिए इन वन्यजीवों को नुकसान पहुंचा रहा है जबकि ये प्रकृति का उपहार है इनको नुकसान पहुचाने मे प्रकृति पर बुरा असर पड़ता है इसलिए इनकी रक्षा करने की तुरंत आवश्यकता है, हरियाणा राज्य मे वन्यजीव अभ्यारण व राष्ट्रीय पार्क से हरियाणा राज्य की सौंदरता को दर्शाता है । हरियाणा राज्य मे वन्यजीव अभ्यारण कुल 8 है और 2 दो राष्ट्रीय उद्यान हैः
हरियाणा के राष्ट्रीय उद्यान
सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान
यह राष्ट्रीय उद्यान हरियाणा के गुरुग्राम जिले के सुल्तानपुर में स्थित है। यह पहले एक पक्षी अभ्यारण था, जिसे वर्ष 1989 में राष्ट्रीय पार्क बनाया गया। इस राष्ट्रीय उद्यान का कुल क्षेत्रफल 43 वर्ग किलोमीटर है। यह प्रवासी पक्षियो के लिए काफी प्रसिद्ध है। यहां शीत ऋतु में सैकड़ों पक्षी प्रवास करते हैं। जिनमें साइबेरियन सारस मुख्य रूप से प्रसिद्ध है। यहां पर हरियाणा का सर्वप्रमुख इको पार्क भी स्थित है।
कालेसर राष्ट्रीय उद्यान
यह राष्ट्रीय उद्यान हरियाणा के पूर्वी भाग के यमुनानगर में स्थित है। यह क्षेत्रफल की दृष्टि से बड़ा है इसका क्षेत्रफल 4682.32 वर्ग किमी है यह उद्यान लाल जंगली मुर्गा के लिए प्रसिद्ध है। दिसंबर 2003 में इसे राष्ट्रीय पार्क घोषित किया गया था।
हरियाणा के वन्यजीव अभ्यारण
कालेसर वन्यजीव अभ्यारण
यह अभ्यारण यमुनानगर जिले में स्थित है। यह पयार्वरण हरियाणा का सबसे बड़ा वन्यजीव अभ्यारण है।यहां पर सांभर, चीतल, भौंकने वाले हिरण और नीलगाय आदि पाए जाते हैं। यह 11570 एकड़ भूमि पर फैला हुआ है। यह अभ्यारण पर्यटकों के आकर्षण का एक प्रमुख केंद्र है।
बीर शिकारगढ़ अभ्यारण
इसे वर्ष 1975 में अभ्यारण पंचकुला मे बनाया गया। इसका क्षेत्रफल 787.30 हेक्टेयर है
खोल–ही–रैतान अभ्यारण
यह पंचकूला जिले में स्थित है। यहां पर चीतल, जंगली बिल्ली, सियार, जंगली बंदर पाए जाते हैं। (93 वर्ग किलोमीटर, 2262 .58 हेक्टेयर )
छिलछिला अभ्यारण
यह वन्यजीव अभ्यारण हरियाणा के कुरुक्षेत्र में लगभग 29 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यह अभ्यारण शीतकालीन पक्षियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। पर्यावरण की दृष्टि से यह एक संवेदनशील क्षेत्र है।
नाहर अभ्यारण
यह वन्यजीव अभ्यारण हरियाणा के रेवाड़ी जिले (211.35 हेक्टेयर) स्थित में स्थित है। यहां पर मुख्य रूप से सियार, लोमड़ी और काला हिरण पाए जाते हैं। पर्यावरण की दृष्टि से इस अभ्यारण को जून 2009 में संवेदनशील क्षेत्र घोषित किया गया।
अबुबशहर अभ्यारण
यह अभ्यारण्य सिरसा जिले में अवस्थित है। यह अभ्यारण 56 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है यहां पर मुख्य रूप से काला हिरन और चीतल पाए जाते हैं।
भिंडावास अभ्यारण
यह अभ्यारण हरियाणा के झज्जर जिले में स्थित है। इसका क्षेत्रफल 1074 एकड़ है। यह अभ्यारण अपनी सुंदर झील के लिए प्रसिद्ध है। यहां पक्षियों की लगभग 250 प्रकार की प्रजातियां भी पाई जाती हैं। यह भूरे हंस, बत्तख, लाल बुलबुल, किंगफिशर आदि के लिए काफी प्रसिद्ध है। भारत सरकार ने इसे 3 जून, 2009 को पक्षी अभ्यारण के रुप में स्थापित किया।
खापरवास अभ्यारण
यह वन्यजीव अभ्यारण विभिन्न प्रकारों के प्रवासी पक्षियो के लिए प्रसिद्ध है। यह झज्जर जिले में भिंडावास वन्यजीव अभ्यारण से मात्र 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह अभ्यारण 204.36 एकड़ में फैला हुआ है।वर्ष 1991 में इसे मान्यता प्रदान की गई।
बीरबारा अभ्यारण
यह जींद जिले में स्थित है। इसकी स्थापना 2007 में की गई थी। यह 414 हेक्टेयर में फैला है। यहां पर सांभर, चीतल, नीलगाय आदि निवास करते हैं।
सरस्वती अभ्यारण
सरस्वती वन्यजीव अभ्यारण को 29 जुलाई सन् 1988 को स्थापित किया गया था। यह मुख्य रूप से कैथल में स्थित है, लेकिन इसका कुछ हिस्सा कुरुक्षेत्र जिले में भी फैला हुआ है। इसे सुंदर जंगल के नाम से भी जाना जाता है। यह हरियाणा के कैथल जिले में 85 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है।
हरियाणा राज्य में प्रजनन केंद्र
रेड जंगल फाउंल प्रजनन केंद्र: पिंजौर (पंचकूला) में स्थित है
गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र (2006)
यह पिंजौर में स्थित है। यह तीन प्रजातियों के गिद्धों (सफेद पीठ वाले गिद्ध, लंबे चोंच वाले गिद्ध, और पतले चोंच वाले गिद्ध) को विलुप्त होने से बचाने के लिए एक सहयोगात्मक पहल है।
गिद्धों पर अध्ययन करने वाला हरियाणा भारत का सबसे पहला राज्य है।
फिसेंट (तीतर) प्रजनन केंद्र: मोरनी ( 1992-93) पंचकूला जिले में स्थित है।
मगरमच्छ प्रजनन केंद्र: ( 1981-82 ) भौर सौदान, कुरुक्षेत्र में स्थित है।
काला तीतर प्रजनन केंद्र: पिपली ( कुरुक्षेत्र ) में स्थित है। छोटा चिड़ियाघर ( 1985-86 ) पिपली में स्थित है।
मयूर एवं चिंकारा प्रजनन केंद्र: झबुआ ( रेवाड़ी ) में स्थित है।
चिंकारा प्रजनन केंद्र: कैरू ( भिवानी )1985 में स्थित है।
कालेसर वन्यजीव अभ्यारण में भौंकने वाले हिरण निवास करते हैं।
नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी की स्थापना पिंजौर (पंचकूला) में की गई है।
सार्स प्रजनन केंद्र : कुरुक्षेत्र
राज्य का एक मात्र ऊंट प्रजनन केंद्र : सिरसा
गौरेया प्रजनन केंद्र : पिंजोर
हॉग डीयर प्रजनन केंद्र : पलवल
हाथी पुनर्स्थापना एवं अनुसंधान केंद्र
हरियाणा के यमुनानगर जिले में बनसन्तौर जंगल में एक हाथी पुनर्स्थापना एवं अनुसंधान केंद्र की स्थापना की गई है। चौधरी देवीलाल प्राकृतिक पार्क भी यहां पर स्थित है।
हिसार
यह हिरण पार्क हरियाणा के हिसार जिले में स्थित है। यह उद्यान ढांसू मार्ग पर स्थित है। इसकी स्थापना वर्ष 1970 में कि गई। इसका कुल क्षेत्रफल 42 एकड़ है।
केन्द्रीय अश्व प्रजनन केंद्र की स्थापना 1986 मे हुई
केन्द्रीय भँस प्रजनन केंद्र की स्थापना 1985 मे हुई
केन्द्रीय भेड़ प्रजनन केंद्र
सूअर प्रजनन केंद्र
हरियाणा के चिड़ियाघर
- पीपली : कुरुक्षेत्र 1982 मे स्थापित हुआ
- भिवानी: 1982 मे स्थापित हुआ
- रोहतक : 1987 मे स्थापित हुआ