व्यक्तित्व का अर्थ एवं परिभाषा व उसके प्रकार व व्यक्तित्व का मापन की विधियां

व्यक्तित्व का अर्थ एवं परिभाषा व उसके प्रकार व व्यक्तित्व का मापन की विधियां

प्रिय पाठकों, आज हम आपके लिए लेकर आये है HTET/CTET से सम्बंधित व्यक्तित्व का अर्थ एवं परिभाषा व उसके प्रकार व मापन की विधियां के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी, इसमे 4 से 5 प्रश्न आपके HETT/CTET व TET से सम्बंधित एग्जाम में पूछे जाते है तो आइए पढ़ते है व्यक्तित्व का अर्थ एवं परिभाषा व उसके प्रकार व मापन की विधियां के बारे में विस्तारपूर्वक रोचक जानकारी

व्यक्तित्व का अर्थ

व्यक्तित्व शब्द अंग्रेजी भाषा के Personality शब्द का हिंदी अनुवाद है यह लैटिन भाषा के Persona शब्द से विकसित हुआ है जिसका अर्थ है मुखौटा या नकली चेहरा, इसका अभिप्राय है वेशभूषा से था, जिसे पहनकर व्यक्ति नाटक के माध्यम से अपने अभिनय का परिचय दिखाता है अतः पर्सनलिटी शब्द का शाब्दिक अर्थ है व्यक्ति के बाह्य दिखावे को अंकित करना

व्यक्तित्व शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है व्यक्तित्व, यहां व्यक्ति का अर्थ होता है मानव या मनुष्य तथा त्व का अर्थ होता है अंतर्दृष्टि या सूझ बूझ। अतः व्यक्तित्व से अभिप्राय शारीरिक रचना, रंगरूप व वेशभूषा से है व्यक्तित्व से शारीरिक नही बल्कि मानसिक गुणों का विकास होता है

मनोवैज्ञानिक दृष्टि से देखे तो हम व्यक्तित्व को परिभाषित नही कर सकते और न ही किसी एक मत पर सहमत हो सकते है मनोवैज्ञानिकों ने अलग अलग ढंग से व्यक्तित्व को परिभाषित किया है तो आइए देखते है इनकी परिभाषाएं

व्यक्तित्व की परिभाषाएं

वुडवर्थ के अनुसार: व्यक्तित्व व्यवहार की एक सम्रग विशेषता है

गिल्फोर्ड के अनुसार: व्यक्तित्व गुणों का समन्वित रूप है

आर बी कैटल के अनुसार: व्यक्तित्व वह है जिसके द्वारा हम यह भविष्यवाणी कर सकते है कि कोई व्यक्ति किसी भी परिस्थिति में क्या करेगा

बिग व हंट के अनुसार: व्यक्तित्व किसी व्यक्ति के सम्पूर्ण व्यवहार व प्रतिमान की समस्त विशेषताओं के योग को व्यक्त करता है

आलपोर्ट के अनुसार: यह व्यक्ति के अंदर उन मनोशारीरिक गुणों का ग्यात्मक संगठन है जो वातावरण के साथ एक अनूठा समायोजन स्थापित करता है

ड्रेवर के अनुसार: व्यक्तित्व शब्द का प्रयोग व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक, नैतिक व सामाजिक गुणों व ग्यात्मक संगठन के आधार पर किया जाता है जिसे मनुष्य अन्य मनुष्यों के साथ सामाजिक जीवन के आदान प्रदान में व्यक्त करता है

व्यक्तित्व के प्रकार

व्यक्तित्व का वर्गीकरण व प्रकार अनेक मनोवैज्ञानिकों ने अनेक प्रकार से किया है जिनका वर्णन नीचे निम्न प्रकार से दिया गया है

मनोवैज्ञानिक गुणों के आधार पर

मनोवैज्ञानिक गुणों के आधार पर व्यक्तित्व का वर्गीकरण जुंग व सप्रंजेर ने दिया है तो आइए पढ़ते है जुंग के अनुसार व्यक्तित्व के प्रकार

जुंग के अनुसार

इसका वर्गीकरण सबसे अधिक माना जाता है इन्होनें अपनी पुस्तक Psychological Types में व्यक्तित्व के दो प्रकार बताए है

अन्तर्मुखी व्यक्तित्व: किसी से मिलना जुलना पसन्द नही, अकेले में रहना, ये रूढ़िवादी प्रक्रतिके होते है पुराने रीति रिवाजों पर आधारित

बहिमुर्खी व्यक्तित्व: सभी से मिलना जुलना, आशावादी होते है खुशमिजाज व समाज के लिए अधिक लाभदायक

सप्रंजेर के अनुसार

सप्रंजेर ने अपनी पुस्तक Types of Men में व्यक्ति के कार्यो व सामाजिक स्थिति के आधार पर व्यक्तित्व को 6 भागों में बांटा गया है

  • सैद्धान्तिक: सचाई पर अधिक बल देने बारे
  • आर्थिक: धन, वस्तु और चीजो या व्यवहार को अधिक महत्व देने बारे
  • सामाजिक: समाज के प्रति स्नेह व प्यार देने बारे
  • राजनैतिक: शक्ति व पावर को अधिक महत्व देने बारे
  • धार्मिक: ब्रह्माण्ड के प्रति एकता बनाये रखने बारे
  • कलात्मक: व्यक्ति के आकार, आकृति व सौंदर्य को अधिक महत्व देने बारे

शारीरिक गुणों के आधार पर

शारीरिक गुणों के आधार पर निम्नलिखित मनोवैज्ञानिकों ने अपने स्तर पर व्यक्तित्व के गुण बताए है जिसका वर्णन निचे दर्शाया गया है

क्रेशमर के अनुसार

ये जर्मनी के बहुत प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक है इन्होंने अपनी पुस्तक Physique and Character  में शारीरिक गुणों को 3 प्रकार के भागों में बांटा गया है

शक्तिहीन: इनका शरीर दुबला व पतला होता है और इनका स्वभाव भावुक व स्वप्नशील होता है

पुष्टकाय:  ये लोग सुडौल व तंदुसरस्त होते है और व्यवहार के कुशल व क्रियाशील होते है

स्थूलकाय: ये लोग छोटे व मोटे हिट है जिनका स्वभाव प्रशन्नचित व मिलन सार होता है

शेल्डन के अनुसार

शेल्डन ने 1940 में शरीर के गठन के आधार पर ही यह दूसरा सिद्धान्त बनाया सेसोमेटो टाइप सिद्धान्त भी कहा गया शेल्डन ने व्यक्तित्व को 3 भागो में बांटा गया

गोलाकार: इसमे व्यक्ति मोठे व नाटे होते है और इनका शरीर गोलाकार होता है ये अधिक आराम पसन्द, खुशमिजाज व अधिक खाने पीने के शौकीन होते है

images 29 16
व्यक्ति का शरीर

आयताकार: इसमे व्यक्ति की हड्डियां व मांसपेशियां अधिक विकसित होती है ओर इनका शरीर काफी सुडौल होता है

लम्बाकार: इसमे व्यक्ति का  कद लम्बा होता है और इनका शरीर काफी दुबला पतला होता है और अकेले नरहन पसंद करते है और किसी से मिलना जुलना पसंद नही करते

हिपोक्रेट्स के अनुसार

हिपोक्रेट्स के अनुसार व्यक्तित्व को 4 भागों में बांटा गया है जिनका वर्णन नीचे दर्शाया गया है

क्रोध: शरीर से मजबूत परन्तु भावात्मक रूप से कमजोर और जकड़ी गुस्सा आना

निराशावादी: शारीरिक व भावात्मक रूप से कमजोर, निराश रहना

भावशून्य: भावात्मक रूप से मजबूत परन्तु शरीर से कमजोर

आशावादी: शारीरिक व भावात्मक दोनों रूप से मजबूत, ऊर्जावान, अधिक खुश व आशावादी

अन्य वर्गीकरण के अनुसार

अन्य वर्गीकरण के अनुसार व्यक्तित्व को यूनानी वर्गीकरण व फ्रीडमैन एवं रोजमैन दोनों भागो में बांटा गया है

यूनानी वर्गीकरण: इसको आगे 3 भागों में बांटा गया है

  • अल्फा: समाजिक उत्तरदायित्व निभाने हेतु पहला धारक जैसे: आयुक्त
  • बीटा: समाजिक उत्तरदायित्व निभाने हेतु दूसरा धारक जैसे: उपायुक्त
  • ओमेगा:  समाजिक उत्तरदायित्व निभाने हेतु निम्नतम पद, ये सदैव विनम्र व आग्रहशील व आज्ञाकारी होते है

फ्रीडमैन व रोजमैन का वर्गीकरण

ये दोनों हृदय रोग विशेषज्ञ थे जिन्होंने 8 वर्ष के अध्ययन करने के बाद 1950 में व्यक्तित्व को 3 भागों म3 वर्गीकृत किया है

Type A: इस प्रकार के व्यक्तित्व में सामान्य लोगो की अपेक्षा का जोखिन दुगुना होता है लेकिन मृत्य का अधिक जोखिम नही होता जैसे उच्च स्तर चेतना, सवेंदनशील, अति क्रियाशील, वर्तालापी, चिंतित आदि

Type B: इस प्रकार के व्यक्तित्व में Type A के 3 बिल्कुल विपरीत होता है जैसे स्थितरता से काम करने वाला, विफलता पर दुख न होना सृजनशील आदि

Type D:  इस प्रकार के व्यक्तित्व में चिंता, जिद निराश आर्म विश्वास की कमी दिल की बीमारी व भय होना आदि होता है

व्यक्तित्व का मापन की विधियां

व्यक्तित्व का मापन की विधियों को दो प्रकार से विभाजित किया जाता है

  1. निरप्रेक्षण विधि
  2. प्रक्षेपण विधि

निरप्रेक्षण विधि

इसे विधि को आगे 3 प्रकार के भागों में बांटा गया है

  • आत्मनिष्ठ विधि
  • वस्तुनिष्ठ विधि
  • मनोविश्लेषण विधि

आत्मनिष्ठ विधियां

इसे आगे 5 प्रकार के भागों में बांटा गया है निम्नानुसार उनके बारे में पढ़ेंगे

आत्मकथा लेखन

इस विधि में जिस व्यक्ति का मापन किया जाता है उसे कुछ निर्धारित  शीषको के अंतर्गत कुछ घटनाओं व स्मरणो का पता चलता है उसी आधार वर व्यक्ति के गुणों व अवगुणों का पता चलता है

प्रश्नावली

इन्हें आगे चार भागों में बांटा जाता है

बन्दी प्रश्नावली:  जिसमे व्यक्ति को हां या न में उत्तर देना है

खुली प्रश्नावली: जिसमे व्यक्ति को स्वतंत्र रूप से उत्तर देना होता है

सचित्र प्रश्नावली

मिश्रित प्रश्नावली

परिसूचियाँ

इस विधि में व्यक्तित्व के विभिन्न पक्षों के अंर्तगत प्रत्येक पक्ष में प्रश्नावली होती है जिनके उत्तर हां या नहीं में देने होते है इसका सर्वप्रथम प्रयोग वुडवर्थ ने किया था इसमे व्यक्तित्व का प्रयोग अन्तर्मुखी व बाह्यमुखी दोनों प्रकारों से किया था कुछ प्रचलित परिसूचियाँ है जिनका वर्णन नीचे दर्शाया गया है

  • Minnesota Multiphasis Personality Inventory
  • Cattle 16 Personality
  • Bell Adjustment Inventory
  • Allport A.S. Test
  • Eyesenk Personality

जीवन वृत

इसमे व्यक्ति के विकासात्मक जीवन की घटना का वृत तैयार किया जाता है और इसके परिवार के सदस्यों व अन्य परिचित लोगो की राय ली जाती है इस विधि को प्रायः मानसिक चिकित्सक अपनाते है

साक्षात्कार

यह व्यक्तित्व के मापने की सबसे लोकप्रिय विधि है जो शिक्षण संस्थान व नौकरी हेतु चयन में किया जाता है क्योंकि इस विधि में समय कम लगता है इसकी मुख्य विशेषता यह है कि इसे किसी भी परिस्थितियों में आवश्यकता अनुसार परिवर्तन किया जा सकता है यह दो प्रकार का होता है

  • औपचारिक
  • अनौपचारिक

वस्तुनिष्ठ विधि

इसे आगे 5 प्रकार के भागों में बांटा गया है

प्रेक्षण विधि

इसे निरीक्षण विधि भी कहते है, इए विधि के बालक का विभिन्न परिस्थितियों में सतत प्रेक्षण किया जाता है इस विधि में समय अधिक लगता है और यह स्वयं में पूर्ण नही होती

निर्धारण मापन

यह विधि पूर्ण रूप में वस्तुनिष्ठ नही है लेकिन डॉ एस एस माथुर के अनुसार यह मापनी विधि जो व्यक्तित्व की गुणो का अनुमान लगाने के लिए एक हक़ी जो व्यक्तित्व के व्यक्तिगत ढंग का पता चलता है इसमें व्यक्तित्व के विशेष गुण व उसकी कार्यकुशलता का पता चलता है जिसे 0 से 100  प्रतिशत द्वारा व्यक्त किया जा सकता है

समाजीतिय विधि

इस विधि का प्रयोग व्यक्ति के समाजिक गुणों के आधार पर ही किया जा सकता है प्रत्येक समूह के व्यक्ति को 1 या 2 प्रश्न पूछ उसकी प्रतिक्रियाएं ज्ञात की जा सकती है

निष्पादन

इस विधि का प्रयोग May व Hortshorne ने किया था, इस विधि में बालक या व्यक्ति को कुछ कार्य दिया जाता है और व्यक्ति द्वारा कार्य पूरा करने के बाद उस कुछ विशेषको द्वारा उसके व्यक्तित्व का पता लगाया जाता है

परिस्थिति परीक्षण

यह विधि भी बिल्कुल निष्पादन विधि के समान है लेकिन इसमें थोड़ा अंतर यह है कि इस विधि में कृत्रिम परिस्थितियों में व्यक्ति को रखकर उसके व्यवहार का पता लगाया जाता है

मनोविश्लेणात्मक विधि

इस विधि को मापने के दो प्रकार है:-

  • मुक्त साहचर्य विधि
  • स्वपन विश्लेषण

मुक्त साहचर्य विधि

इस विधि का प्रवर्तन विकास जुंग व फ्रायड ने किया था यह विधि मुख्यतः मानसिक रोगी व्यक्तियो के लिए किया जाता है ताकि मनोचिकित्सक द्वारा उन्हें सम्मोहित करके अर्धचेतन अवस्था मे लाया जाता है ताकि उनके अंदर छिपी भावना व इच्छाएं को प्रकट किया जा सके

स्वपन विश्लेषण

इसमें व्यक्ति स्वप्नों का वणर्न किया जाता है स्वप्न विश्लेषण के आधार पर ही उसकी इच्छाओं व उसकी इच्छा पूर्ति तत्वों का पता लगाकर उनका निराकरण किया जाता है ताकि व्यक्ति के कुसमायोजन को सही दिशा दी जा सके

प्रक्षेपण विधि ( व्यक्तित्व के मापने की दूसरी विधि)

इस विधि में व्यक्ति के व्यक्तित्व को परोक्ष रूप में मापा जाता है इसमें व्यक्ति के सामने कुछ अपष्ट व असंगठित व उद्दीपक परिस्थिति दी जाती है उन्ही के अनुसार ही व्यक्ति कुछ अनुक्रिया करता है इसे मापने की कुछ प्रविधियां निम्न प्रकार से है

  1. रोशा परीक्षण
  2. प्रसंगात्मक बोध या थीमेटिक विधि
  3. बाल प्रसंगात्मक बोध
  4. वाक्य या कहानी पूर्ति
  5. खेल व नाटक विधि

1 रोशा परीक्षण विधि

3.5 8 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments