प्रिय दोस्तो, आज हम आपके लिए लेकर आये है हरियाणा के प्रसिद्ध आभूषण व गहने( Famous Jewellery and Ornaments of Haryana) सम्बन्धित जानकारी, जो आपके आने वाले एग्जाम में से पूछे जा सकते है यदि कोई हरियाणा के प्रसिद्ध आभूषण व गहने( Famous Jewellery and Ornaments of Haryana) अधूरी रह जाती है तो आप हमारे कॉमेंट बॉक्स में सांझा कर सकते है
प्राचीन काल से हरियाण की कला संस्कृति के साथ साथ हरियाण की वेशभूषा व आभूषण पूरे भारत देश मे प्रसिद्ध है जिस तरह आभूषणों के बिना हरियाणा की वेशभूषा फीकी सी नज़र आती उसी तरह हरियाण की वेशभूषा के बिना हरियाणा के प्रसिद्ध आभूषण व गहने फीके नज़र आते है ये एक सिक्के के दो पहलू है
हरियाणा के प्रसिद्ध आभूषण व गहने( Famous Jewellery and Ornaments of Haryana)
प्राचीन काल से हरियाणा के पुरुषों व महिलाओं को आभूषणों का बहुत शौक रहा है क्योकि प्रारम्भ से ही पुरुष व नारी वेशभूषा व आभूषणों के प्रेमी रहे है और ये हमारे शारिरिक सौंदर्य को बढ़ाते है जिससे हमारी शोभा बढ़ती है आभूषण का अर्थ होता है: गहना, अलंकार, सजावट, श्रृंगार आदि, तो आइए पढ़ते है हरियाणा के प्रसिद्ध आभूषण व गहने( Famous Jewellery and Ornaments of Haryana) केे बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी
महिलाओं के आभूषण
सिर व मुह के आभूषण(Famous Jewellery and Ornaments of Haryana)
सिरफूल या शीशफूल: यह सिर के ऊपर बालो में पहने जाने वाला आभूषण है जो पतली सांकल या चैन से बांधकर लटकाया जाता है
फूल: यह सिर के ऊपर बालो में पहना जाता है
सिंगार पट्टी: यह माथे पर लागाया जाने वाला आभूषण है जिसे कोड़ी, बिंदी, जूड़ा भी कहा जाता है
ताग्गा: यह माथे पर पहने जाने वाला पतले धागे जैसा आभूषण है
बोरला: यह मोठे आकार का माथे पर लटकाए जाने वाला सोने का व चांदी का आभूषण है जिसे धागा बांधकर पीछे बालो में बांध दिया जाता है
यह प्राचीन काल से पहना जाता है और आज भी महिलाये इसे बड़े शौक से पहनती है
केश पिन: यह सोने और चांदी की बनी होती है जो बालों में लगाई जाती है इसे अंग्रेजी भाषा मे क्लिप या कलफ भी कहते है
छाज: यह पूरे माथे पर पहनें जाने वाला आभूषण है
रखड़ी: यह गोलाकार आकृति से बना आभूषण होता है जो सुहागन महिलाएं मांग के ऊपर बांधती है इसे पौंची भी कहा जाता है
सिरमाँग: यह सिर पर मांग के बीच मे पहने जाने वाला आभूषण होता है जो सुहागन महिलाओं द्वारा पहना जाता है यह सोने ने निर्मित आभूषण होता है
मौड़: यह विवाह के समय दूल्हे व दुल्हन के सिर व कान पर बांधा जाता है
टीका: यह माथे पर लटकाए जाने वाला आभूषण होता है जो सोने से बना हुआ होता है
बिंदी: यह माथे के बीच मे चिपकायी जाती है इसे माथे की टिक्की भी बोल देते है
कान के आभूषण (Famous Jewellery and Ornaments of Haryana)
बाली: यह गोल आकार का छोटा सा आभूषण होता है जो कान में पहना जाता है
कर्णफूल: यह गोलानुमा आकार की सोने व चाँदी से निर्मित बनी होती है जो कान के निचले हिस्से में पहनी जाती है
बूजली: यह सिक्कें के आकार सोने व चांदी की बनी होती है ज्यादातर बुज़र्ग महिलाएं इसे पहनती है
मुरकी: यह पुरषो द्वारा पहने जाने वाला आभूषण होता है जो बलीनुमाआकर में होता है
झुमके: यह सोने व चाँदी से निर्मित आभूषण होता है जो कान में चैन द्वारा लटका कर पहना जाता है और भारी आकर के झुमके को बूजनी या डांडे कहते है
नाक के आभूषण(Famous Jewellery and Ornaments of Haryana)
कोका: यह महिलाओं द्वारा नाक के बायीं तरफ पहना जाता है और यह सोने का, चांदी का व हीरे का बना होता है यह हरियाणा ले प्रसिद्ध आभूषणों में से एक है
नथ व नथली: यह नाक में बायीं तरफ पहना जाता है और यह आकार में थोड़ी बड़ी होती है ज्यादातर इसे विवाहित महिलाओं द्वारा इसे पहना जाता है छोटे आकार वाली को नथली कहा जाता है और ऐसा ही एक आभूषण नाक में पहना जाता है और विवाह के अवसर पर तो इसे बहुत महत्वपूर्ण माना जाता और नाथ की तरह एक छोटी बाली होती है जिसे नक्सेर कहा जाता है ज्यादातर कुंवारी महिलाओं इसे पहनती है जिसे आमतौर पर नाक की बाली कहा जाता है
लौंग: यह आकार में थोड़ा लम्बा होता है जो कान में भी और नाक में भी पहना जाता है इसके ऊपर एक नगीना लगा हुआ होता है:
भंवरा: यह आकार में बड़ा होता है अधिकतर बिश्नोई समाज के लोग इसे पहनते है
बेसरि: यह गोलानुमा आकर का सोने से निर्मित आभूषण होता है जिसमे महिलाएं एक धागा बांधकर अपने बालों में बांधती है
गले के आभूषण(Famous Jewellery and Ornaments of Haryana)
माला: यह माला सोने से निर्मित गोल बीजों की बनी होती है और यह मोतियों से भी होती है
मटर माला व मोहन माला: यह मटर की आकृति जैसी बनी होती है इसकी लम्बाई काफी बड़ी होती है और यह पारिवारिक उत्सवों में पहनी जाती है
हँसली: यह हंसुली नामक हड्डी की सुरक्षा के लिए पहना जाता है जो बिल्कुल गले के नीचे होती है
कंठी: यह सोने के मनको से बनी होती है जैसे पीपल के पत्तों लटकते है वैसे ही इसे बनाया जाता है इसे कंठ माला भी कहते है
गलश्री: इसे गलसरी भी कहा जाता है इसे सोने के मनको से बनाया जाता है जिसमे 3 या 4 पंक्तियो में लपेटकर सूती कपड़े की आधार पट्टी पर लगाया जाता है और यह बिल्कुल गले के साथ चिपककर पहना जाता है यह भी हरियाणा कर प्रसिद्ध आभूषण में से एक है
जंजीर: यह सोने व चांदी से बना आभूषण है जो पुरषो व महिलाओं द्वारा पहना जाता है
गुलबंद: यह महिलाओं द्वारा पहना जाने वाला आभूषण है जिसके पट्टी पर सुनहरे फूल कली वाले दाने जुड़े हुए होते है
झालरा: यह स्बे लम्बा हार है जो गले मे पहना जाता है जो चांदी के सिक्को से तीन-चार अंगुल तक गूंथने से बनता है
चंदन हार: यह सोने से बना होता है जिसमे आयातकार टुकड़े लगे होते है यह हरियाण के प्रसिद्ध आभूषण में से एक माना जाता है आज भी यह हार महिलाएं बड़ी शौक से पहनती है इसे रानीहार भी कहते है
मंगलसूत्र: यह सुहागन स्त्रियों द्वारा पहने जाने वाला आभूषण है जो सोने से बना हुआ होता है जिसके बीच मे मोती लगे हुए होते है
पतरी: इसे गले की ताबीज भी कहा जाता है जो जिसका आकार पान व शहतूत के पत्ते की तरह होता है
कठला: यह सूती व रेशम के धागों से मिलकर बना होता है जिसकी डोर में मोती लगे होते है
बटन: यह सोने व चांदी से बना हुआ आभूषण कुर्ता व कमीज के साथ पहना जाता है जिसमे जंजीर के साथ बटन लटकते हुए होते है
हार: यह गले के आभूषण है जिसमे कोई ताबीज या डिजाइन दार टिकड़ा लगा हुआ होता है इसका आकार गोलाकार होता है
हमेल: यह पूर्ण रूप से सोने का बना हुआ आभूषण होता है ज्यादातर ग्रामीण इलाकों से यह पहना जाता है