हरियाणा की भौगोलिक संरचना (Haryana Ki Bhaugolik Saranchna)

हरियाणा की भौगोलिक संरचना (Haryana Ki Bhaugolik Saranchna)
हरियाणा की भौगोलिक संरचना

प्रिय पाठकों आज हम आपके लिए लेकर आए है हरियाणा की भौगोलिक संरचना (Haryana Ki Bhaugolik Saranchna), जिससे आप आने वाले HSSC के Exams की तैयारी कर सकते है अगर कोई जानकारी हरियाणा की भौगोलिक संरचना (Haryana Ki Bhaugolik Saranchna) अधूरी रह जाती है तो है कृपया करके आप हमारे कॉमेंट बॉक्स मे हमारे साथ सांझा कर सकते है

 

हरियाणा की भौगोलिक संरचना (Haryana Ki Bhaugolik Saranchna)

हरियाणा भारत का राज्य है जो उत्तर पश्चिम में स्थित है हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ है इसके उत्तर में हिमाचल प्रदेश व दक्षिण पश्चिम में  राजस्थान की सीमाएं लगती है हरियाणा की आकृति विषमबाहु चतर्भुज जैसी है इसका क्षेत्रफल 44212 वर्ग किलोमीटर है जो देश के कुल क्षेत्रफल का 1.34% है

 

यह क्षेत्रफल के अनुसार यह भारत का 21वा सबसे बड़ा राज्य है लेकिन हरियाणा राज्य 1 नवंबर 1966 को, 17वे राज्य के रूप में अस्तित्व में आया था हरियाणा की स्थिति 2739’ उत्तरी अक्षांश से 3055’5’’ उत्तरी अक्षांश तथा 7428’ से पूर्वी देशांतर से 7736′ पूर्वी देशांतर के बीच है।

 

हरियाणा का सबसे बड़ा भाग मैदानी भाग या समतल भाग  है जो कुल क्षेत्रफल का 93.7% है

 

हरियाणा की समुन्द्र तल से ऊंचाई 200 से 300 मीटर है यानि 700 से 900 फुट है

 

हरियाणा राज्य की सीमा किसी भी अन्य देश व समुन्द्र के साथ नहीं लगती इसलिए हरियाणा एक स्थल अवरुद्ध राज्य है

हरियाणा के निकटतम राज्य

हरियाणा के उत्तर पश्चिम मे पंजाब, चंडीगढ़ राज्य स्थित है

 

इसके उत्तर मे हिमाचल प्रदेश राज्य स्थित है

 

इसके पूर्व मे उत्तर प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड स्थित है

 

और दक्षिणी पश्चिम मे राजस्थान स्थित है

हरियाणा का भौगोलिक क्षेत्र

भौगोलिक दृष्टि से हरियाणा को तीन इकाइयों में बांटा गया है जिसका वर्णन नीचे विस्तार से दिया गया है

कुरुक्षेत्र

यह क्षेत्र 28 डिग्री 30’उत्तरी अक्षांश तथा 76 डिग्री 21’से 70 डिग्री पूर्वी देशांतर के मध्य स्थित है इसके अंतर्गत करनालव जींद जिले का क्षेत्रफल विद्यमान है

हरियाणा

यह क्षेत्र 29 डिग्री 30’उत्तरी अक्षांश के मध्य स्थित है इसके अंतर्गत हांसी, फतेहाबाद व हिसार, भिवानी और रोहतक जिले के भाग सम्मिलित हैं और इन क्षेत्रों में जाटों की अधिक लोकप्रियता है इसीलिए इन क्षेत्रों को जटियात क्षेत्र के नाम से जानते है

भटियाना

यह क्षेत्र फतेहाबाद और भट्टू क्षेत्रो के मध्य स्थित है। इस पर प्राचीन काल से भाटी राजपूतों का अधिकार रहा है

हरियाणा की भौगोलिक संरचना

हरियाणा की ऊंचाई समुन्द्र तल से लगभग 200 से 300  मीटर है जिसे घग्घर यमुना का मैदान कहाँ इन मैदानों मे टीलों को ठूंठ कहाँ जाता है डा जसबीर ने अपनी पुस्तक An Agricultural Geography Of Haryana मे हरियाणा की भौगोलिक सरंचना को 8 भागों मे बाँटा गया है जिनका वर्णन नीचे दिया गया है

शिवालिक का मैदान

शिवालिक की पहाड़ियां हरियाणा के उत्तरी पूर्वी भाग में  स्थित है जिसमें हरियाणा के पंचकूला, अम्बाला और थोड़ा बहुत यमुनानगर जिले सम्मिलित है

शिवालिक की पहड़िया हरियाणा मे कुल क्षेत्रफल का 1.67%  तक फैली हुई है

 

इन पहाड़ियों की ऊंचाई समुन्द्र तल से 900 से 1200 मीटर तक है इन पहाड़ियों से घग्घर, मारकण्डा, टांगरी नदी निकलती है

 

इन्ही पहाड़ियों में से पंचकूला की सबसे ऊंची चोटी स्थित है जिसका नाम करोह है और इसकी ऊंचाई 1514 मीटर है यह पंचकूला जिले के मोरनी में स्थित है जिसे हरियाणा में पहाड़ो की रानी के नाम से जाना जाता है

 

इन पहाड़ियों में से बजरी, रेत व सीमेंट पाई जाती है और इन्हें 2 श्रेणियों में बांटा हया है

 

उच्च श्रेणियां: इसके अंतर्गत मोरनी हिल्स की पहाड़िया सम्मिलित है जिसकी ऊंचाई 600 मीटर से अधिक होती है

 

निम्न श्रेणियां: इनमे वे पहड़िया सम्मिलित होती है जिनकी ऊंचाई 400 से 600 मीटर तक होती है

गिरिपाद का मैदान

यह शिवालिक के दक्षिण मे स्थित 25 किलोमीटर चौड़ी पट्टी के रूप मे फैला हुआ है इसे स्थानीय भाषा मे इसे घर कहाँ जाता है इसकी मिट्टी को स्थानीय भाषा मे चो  भी कहा जाता है

 

इसके अंतर्गत पंचकुला, अंबाला, यमुनानगर आदि जिले सम्मिलित है ई जिलों से घग्घर व मारकंडा नदी निकलती है

 

इनकी ऊंचाई 300 से 375 मीटर तक है

जलोढ़ का मैदान

जलोढ़ के मैदान शिवालिक से लेकर अरावली तक और यमुना नदी व घग्घर नदी के बीच होते हुए उच्च भूमि वाले मैदानों को जलोढ़ का मैदान कहाँ जाता है

 

इसे स्थानीय भाषा मे बांगर का मैदान भी कहा जाता है और नई जलोढ़ मिट्टी को खादर कहते है

 

इनकी औसत ऊंचाई 220 से 280 मीटर तक है

 

इन मैदानों से मारकंडा, सरस्वती व चोटांग नदी निकलती है

 

इसके अंतर्गत करनाल, पानीपत, सोनीपत व रोहतक जिले सम्मिलित होते है

बालू के टिब्बे का मैदान

ये मैदान पश्चिम मे हरियाणा व राजस्थान तक फैला हुआ है और दक्षिण मे सिरसा से लेकर फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, झज्जर आदि जिलों तक फैला हुआ है

 

इस मैदानों मे राजस्थान से आने वाली गर्म हवा लगातार कच्छ की और से लाई गई बालू मिट्टी लेकर आती है जिससे बालू के टिले का निर्माण

हुआ हैं

 

इन टीलों के बीच मे निम्न स्तर पर ताल पाए जाते है और जब वर्षा आती है तो ये छिछली झील बन जाती है जिसे ठूठ या बावड़ी काहन जाता है

 

इनकी ऊंचाई लगभग 3 से 15 मीटर तक होती है

बाढ़ का मैदान

यमुना नदी से लगते जिले, यमुनानगर, करनाल, पानीपत व फरीदाबाद आदि इलाकों मे हर साल बाढ़ आती है जिसे बाढ़ का मैदान कहाँ जाता है

 

जिसे बेट या नाली कहा जाता है ये मारकंडा व घग्घर नदी से बनाए गए है

अरावली का मैदान

हरियाणा के दक्षिण पश्चिम मे अरावली की पहड़िया स्थित है जिनकी ऊंचाई 225 से 500 मीटर से अधिक होती है

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ढोसी की पहाड़ी

हरियाणा का कुल क्षेत्रफल का 3.9% भाग अरावली क्षेत्र मे विस्तृत है

 

इसमे ढोसी की पहाड़ी व तोशाम की पहड़िया व मेवात की पहड़िया अरावली क्षेत्र के अंतर्गत आती है

 

हरियाणा के दक्षिण मे नारनौल मे स्थित कुलताजपुर गाँव मे सबसे ऊंची पहाड़ी है जिसकी ऊंचाई 652 किलोमीटर है

 

इन पहड़ियों से चुना व स्लैट निकलता है

 

जब वर्षा कम होती है तो इन पहाड़ियों से काँटेदार वृक्ष व झाड़ियाँ निकलती है

तरंगित बालू का मैदान

यह राजस्थान राज्य से लगते जिलों वाले मैदानों को बालू का मैदान कहा जाता है जहां पर रेतली मिट्टी जयद पाई जाती है

 

यह महेंद्रगढ़, रेवाड़ी व गुरुग्राम जिलों के क्षेत्रों तक फैला हुआ है

 

इसे स्थानीय भाषा मे बांगर के नाम से भी पुकारा जाता है

अनकई दलदल का मैदान

यह हरियाणा राज्य का सबसे कम ऊंचाई वाला क्षेत्र है जो सिरसा जिले मे फैला हुआ है

 

इसकी ऊंचाई 200 मीटर से भी कम है

 

नोट: कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा हरियाणा की भौगोलिक सरंचना को 5 भागों मे बाँटा गया है जिसका वर्णन नीचे दर्शाया गया है

  • जलोढ़ का मैदान
  • रेतीले मैदान
  • शिवालिक क्षेत्र
  • अरावली क्षेत्र
  • फुट हिल जोन

अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न हरियाणा की भौगोलिक संरचना (Haryana Ki Bhaugolik Saranchna)

 

हरियाणा का सबसे उतरी गाँव है: शाहपुर , पंचकुला

 

हरियाणा का सबसे दक्षिणी गाँव है: दोहा, मेवात

 

हरियाणा का सबसे पूर्वी सीमा पर बसा गाँव: ताजेवाला, यमुनानगर

 

हरियाणा का पश्चिमी गाँव: चौटाला

हरियाणा की भौगोलिक संरचना

हरियाणा की सबसे ऊंची चोटी: करोह 1514 मीटर

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करोह

 

हरियाणा की सबसे ऊंची चोटी: करोह 1467 है, ऐसा माना जाता है की ये इसकी वास्तविक ऊंचाई है

 

हरियाणा की सबसे ऊंची पहड़िया: मोरनी की पहाड़ी

 

पहाड़ों की रानी: मोरनी की पहाड़ी

 

हरियाणा मे सबसे कम ऊंचाई वाला क्षेत्र: सिरसा

 

मारकंडा नदी से निकले बढ़ के मैदान: बेट

 

घग्घर नदी से निकले बढ़ के मैदान: नाली

 

हरियाणा के दक्षिण पश्चिम मे सबसे ऊंची चोटी: कुलताजपुर गाँव मे स्थित है जिसकी ऊंचाई 652 मीटर है

 

हरियाणा राज्य की भू  ग्रभिक सरंचना कसी कल मे की गई: मैसोजोइक काल मे

 

किस भू गर्भिक काल में हरियाणा राज्य में नदी, नाले,पहाड़ आदि का सुचारू रूप से निर्माण: केनेजोइक काल

 

अनकई दलदल हरियाणा के किस जिले मे पाया जाता है: सिरसा

 

अरावली शुष्क पहाड़ी कौन से क्षेत्र का हिस्सा: राजस्थान

 

हरियाणा का सर्वाधिक शुष्क क्षेत्र: महेंद्रगढ़

हरियाणा की भौगोलिक संरचना…

प्रिय दोस्तों, उम्मीद करते है की हमारे द्वारा लिखा गए ये लेख हरियाणा की भौगोलिक संरचना (Haryana Ki Bhaugolik Saranchna) आपको पसंद आया होगा हरियाणा की भौगोलिक संरचना से संबंधित कोई प्रतिक्रिया, सुझाव या कॉमेंट आप हमारे साथ सांझा कर सकते है और देखिए हरियाणा का क्षेत्रफल व हरियाणा राज्य की जनगणना

हरियाणा का क्षेत्रफल व जनगणना 2011 के अनुसार
हरियाणा का क्षेत्रफल व जनगणना
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