दुनिया का पहला पोर्टेबल अस्पताल (World’s first Portable Hospital)
प्रिय दोस्तों, Help2Youth के माध्यम से आज हम आपके साथ दुनिया का पहला पोर्टेबल अस्पताल आरोग्य मैत्री सहायता क्यूब ( World’s First Portable Hospital Arogya Maitri Aid Cube ) के बारे में जानकारी सांझी करने जा रहे है । जी हां दुनिया के पहले पोर्टेबल अस्पताल का निर्माण भारत में किया गया। ऐसा अस्पताल बनाने वाला भारत पहला देश बन गया है। दुनिया के पहले पोर्टेबल अस्पताल, ‘आरोग्य मैत्री एड क्यूब‘ का 2 दिसंबर 2023 को गुरुग्राम (हरियाणा) में अनावरण किया गया। चलो इसके बारे में हम विस्तारपूर्वक पढ़ते है और इसकी क्या विशेषता है।
दुनिया का पहला पोर्टेबल अस्पताल आरोग्य मैत्री सहायता क्यूब ( World’s First Portable Hospital Arogya Maitri Aid Cube)
![दुनिया का पहला पोर्टेबल अस्पताल आरोग्य मैत्री सहायता क्यूब ( World's First Portable Hospital Arogya Maitri Aid Cube ) 4 Worlds first portable hospital](https://help2youth.com/files/2023/12/images-2-2.jpeg)
गुरुग्राम ने दुनिया का पहला पोर्टेबल आरोग्य मैत्री एड क्यूब अस्पताल पेश किया । स्वदेश में डिजाइन किया गया यह अस्पताल प्रोजेक्ट भीष्म के तहत बनाया गया है, प्रोजेक्ट भीष्म यह असाधारण प्रयास प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी “प्रोजेक्ट भीष्म” (सहयोग हित और मैत्री के लिए भारत स्वास्थ्य पहल) का एक घटक है, जिसका फरवरी 2022 में अनावरण किया गया था।
इस स्वदेशी चिकित्सा सुविधा को आपातकालीन स्थल पर एक घंटे के भीतर पहुंचने के लिए तैयार किया गया है। इस नवाचार का उद्देश्य आपातकालीन स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं को संबोधित करने के लिए एक नया दृष्टिकोण प्रदर्शित करते हुए, घायलों को तीव्रता से चिकित्सा उपचार प्रदान करना है।
![दुनिया का पहला पोर्टेबल अस्पताल आरोग्य मैत्री सहायता क्यूब ( World's First Portable Hospital Arogya Maitri Aid Cube ) 5 Portable Hospital](https://help2youth.com/files/2023/12/images-1-1.jpeg)
भारत में बना दुनिया का पहला चलता-फिरता अस्पताल, 200 लोगों का एकसाथ इलाज कर सकता है।इस अस्पताल का उपयोग किसी भी आपातकालीन क्षेत्र, आपदा प्रभावित क्षेत्र, भूकंप, बाढ़, जंगल की आग और युद्ध में भी किया जा सकता है।
इसका वजन 800 किलोग्राम है और 2 पैलेट है। इस पोर्टेबल अस्पताल में दोनों पैलेट में 72 क्यूब हैं। हर क्यूब का वजन 20 किलो है ताकि इसे मैन्युअल रूप से आसानी से लाया और ले-जाया जा सके । ये दोनो क्यूब में एक क्यूब फायर प्रूफ है और एक वाटर प्रूफ हैं। इसकी लैब में 20 तरह के टेस्ट हो सकते हैं। इसे हवाई, जल, सड़क तीनों मार्ग से ले जा सकते हैं।
इसमें 1 मिनी-आईसीयू, एक ऑपरेशन थिएटर, खाना पकाने का स्टेशन, पानी, एक बिजली जनरेटर, रक्त परीक्षण उपकरण, एक एक्स-रे मशीन जैसे बहुत से इलाज के उपकरण शामिल है।
यह अस्पताल सिर्फ 8 मिनट में ही ऑपरेट होकर मरीजों का इलाज करता है । इस अस्पताल को बनाने की कुल लागत 1करोड़ आती है।
पोर्टेबल अस्पताल, जिसका नाम आरोग्य मातृ क्यूब है, “आरोग्य मैत्री परियोजना” के अंतर्गत आता है, जो प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई एक पहल है और स्वास्थ्य मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद द्वारा विकसित की गई है।
दुनिया का पहला पोर्टेबल अस्पताल आरोग्य मैत्री सहायता क्यूब ( World’s First Portable Hospital Arogya Maitri Aid Cube )