प्रिय पाठकों, इस पोस्ट में हम आपके लिए लेकर आए है हरियाणा सामान्य ज्ञान (Haryana GK) का एक महत्वपूर्ण टॉपिक हरियाणा की प्रमुख नदियां (River of Haryana) व उनसे जुड़े तथ्य। अक्सर HSSC व अन्य परीक्षाओं में नदियों संबंधित प्रश्न पूछे जाते है। इसलिए इस टॉपिक को पूरा पढ़े और हरियाणा की प्रमुख नदियां (River of Haryana) से संबंधित अपनी प्रतिक्रिया व सुझाव कॉमेंट बॉक्स में जरूर दे।
हरियाणा की प्रमुख नदियां (River of Haryana)
हरियाणा की लगभग सभी नदियों मौसमी है। घग्गर, यमुना और सरस्वती नदी हरियाणा की प्रमुख नदियां (River of Haryana) है। मारकंडा, साहिबि, इन्दौरी, कृष्णावती, दोहन व टांगड़ी नदी हरियाणा प्रदेश की सहायक नदियां है। कुछ अन्य प्राचीन नदियां भी है जो आज केवल बरसाती नाला बनकर रह गई है जैसे आपगा नदी, द्रशद्व्ति नदी।
आइए हम इन नदियों के बारे में विस्तार से पढ़ते है:
घग्गर नदी (Ghaggar River)
घग्गर नदी एक मौसमी नदी है जो बरसात के मौसम में रुक रुक कर बहती है। इस नदी का उद्गम स्थल शिमला (हिमाचल प्रदेश) के शिवालिक की पहाड़ियों में डगशाई नामक स्थान है। जहां से निकालने के बाद पंचकुला के कालका से हरियाणा में प्रवेश करती है। आगे पंचकुला, अंबाला, कैथल, फतेहाबाद, सिरसा से होती हुई राजस्थान के मरुस्थल में जाकर विलुप्त हो जाती है। घग्गर नदी की कुल लंबाई लगभग 467 किलोमीटर है।
ओट्टू बांध से आगे घग्गर नदी को हकरा नदी (Hakra River) के नाम से जाना जाता है।
उद्गम स्थल
घग्गर नदी का उद्गम स्थल शिमला (हिमाचल प्रदेश) के शिवालिक की पहाड़ियों में डगशाई नामक स्थान है। यह स्थान समुन्द्र तल से लगभग 1927 मीटर ऊंचा है।
हरियाणा में प्रवेश
घग्गर नदी पंचकुला जिले के कालका से हरियाणा में प्रवेश करती है।
सहायक नदियां
- मारकंडा नदी
- सरस्वती नदी
- टांगड़ी नदी
- कौशल्या नदी
हरियाणा के प्रभावित जिले
- पंचकुला
- अंबाला
- कैथल
- फतेहाबाद
- सिरसा
विलय या विलुप्त स्थल
घग्गर नदी हरियाणा के सिरसा जिले से बाहर निकलती हुई राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में प्रवेश करती है और राजस्थान के हनुमानगढ़ के पास थार के रेगिस्थान में विलुप्त हो जाती है।
बांध
- ओटू वीयर (बाँध): यह बांध सिरसा जिले के रानिया में बना है। इस बांध के बाद घग्गर नदी को हकरा नदी के नाम से जाना जाता है।
- कौशल्या बांध : इस बांध का निर्माण पंचकुला जिले के पिंजौर में कौशल्या नदी पर 2008 से 2012 के दौरान बनाया किया गया था।
यमुना नदी (Yamuna River)
यमुना नदी हरियाणा की प्रमुख नदी है तथा गंगा नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है। यमुना नदी उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय में स्थित बंदरपूँछ के यमुनोत्री ग्लेशियर से निकलती है। यह हरियाणा की सदा बहने वाली एक मात्र नदी है। यमुना लगभग 1376 किलोमीटर का सफर करउत्तर-प्रदेश के प्रयाग में जाकर गंगा नदी में समा जाता है।
उद्गम स्थल
यमुना नदी उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय में स्थित बंदरपूँछ के यमुनोत्री ग्लेशियर से निकलती है। यह समुन्द्र तल से 6387 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
हरियाणा में प्रवेश
यमुना नदी यमुनानगर जिले के कलेसर से हरियाणा में प्रवेश करती है। तथा हरियाणा की पूर्वी सीमा को उत्तर-प्रदेश से अलग करने का काम करती है।
सहायक नदियां
- सोम्ब
- पथराला
- टोंस नदी: टोंस नदी यमुना की सबसे बड़ी सहायक नदी है।
हरियाणा के प्रभावित जिले
- यमुनानगर
- करनाल
- सोनीपत
- पानीपत
- पलवल
- फ़रीदाबाद
विलय या विलुप्त स्थल
लगभग 320 किलोमीटर के सफर के बाद यमुना नदी फ़रीदाबाद जिले के हसनपुर से होकर उत्तर-प्रदेश के अलीगढ़ में प्रवेश कर जाती है। अतत: प्रयागराज (उत्तर-प्रदेश) में जाकर गंगा नदी के साथ मिलन करती है।
बांध
- हथिनी कुंड (यमुनानगर): हथिनी कुंड बैराज यमुनानगर के ताजेवाले में है।
- आनंदपुर बांध (फरीदाबाद): आनंदपुर बांध दिल्ली-बडखल-सूरजपुर मार्ग पर स्थित है।
- किशाऊ बांध: यह बांध सिरमौर (हिमाचल प्रदेश) तथा देहरादून (उत्तराखंड) के मध्य टोंस नदी पर बनाया जा रहा है। ऐसा माना जाता है कि यह एशिया का दूसरा सबसे बड़ा बांध होगा। इसकी जल भंडारण की क्षमता 1.04 MAF (मिलियन एकड़ फुट) होगी तथा यह बांध 660 मेगावाट बिजली भी पैदा कर सकेगा।
- रेणुका बांध: यह बांध सिरमौर (हिमाचल प्रदेश) में यमुना नदी की एक अन्य सहायक नदी गिरी स्थित है। इस बांध की जल भंडारण की क्षमता 0.404 MAF (मिलियन एकड़ फुट) तथा बिजली उत्पादन क्षमता 40 मेगावाट होगी।
सरस्वती नदी (Sarasvati River)
सरस्वती नदी ऋग्वेदकालीन नदी है जो अरब सागर में जाकर मिलती थी। जिसका स्वरूप कभी विशालकाय हुआ करता था लेकिन आज यह केवल बरसाती नदी ही रह गई है।
उद्गम स्थल
सरस्वती नदी बरसात के दिनों में हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले की बर्फीली पहाड़ियों से निकलती है।
हरियाणा में प्रवेश
- अम्बाला
सहायक नदियां
- टाँगरी नदी
- मारकंडा नदी
- छुटांग नदी
हरियाणा के प्रभावित जिले
- अम्बाला
- कुरुक्षेत्र
- कैथल
विलय या विलुप्त स्थल
सरस्वती नदी पंजाब के संगरूर जिले में आकर घग्गर नदी में समा जाती है।
हरियाणा में सहायक नदियां (Other River of Haryana)
मारकंडा नदी (Markanda River)
मारकंडा नदी सरस्वती नदी की सहायक नदी है जो हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के नाहन क्षेत्र में शिवालिक की पहाड़ियों से निकलती है। तथा अम्बाला के रास्ते हरियाणा में प्रवेश कर जाती है। अंत में यह सनिसा झील में गिर कर सरस्वती नदी में विलुप्त हो जाती है। मारकंडा का प्राचीन नाम अरुणा था।
उद्गम स्थल
मारकंडा नदी हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के नाहन क्षेत्र से निकलती है।
हरियाणा में प्रवेश
मारकंडा नदी अम्बाला जिले से हरियाणा में प्रवेश करती है ।
सहायक नदियां
- रण
- नकटी
- बेगना
हरियाणा के प्रभावित जिले
- अम्बाला
- कुरुक्षेत्र
- कैथल
विलय या विलुप्त स्थल
मारकंडा नदी का अधिकांश जल सनिसा झील में गिरता है जहां यह सरस्वती नदी में समा जाती है।
बांध/झील
- सनिसा झील
साहिबि नदी (Sahibi River)
साहिबि नदी एक बरसाती नदी है। यह नदी सीकर जिले (राजस्थान) के जितगढ़ तथा मनोहरपुर नामक स्थान से निकलती है। और नजफ़गढ़ झील में जाकर समा जाती है। इसे सबी नदी के नाम से भी जाना जाता है।
उद्गम स्थल
सीकर जिले (राजस्थान) के जितगढ़ तथा मनोहरपुर नामक स्थान
हरियाणा में प्रवेश
साहिबि नदी रेवाड़ी जिले के कोटी-कासिन से हरियाणा में प्रवेश करती है।
सहायक नदियां
- बार्कनिया नाला
- इन्दौरी नाला
- सोता
हरियाणा के प्रभावित जिले
- रेवाड़ी
- गुरुग्राम
विलय या विलुप्त स्थल
साहिबि नदी गुरुग्राम जिले की नफ़जगढ़ झील में आकर समा जाती है।
बांध/झील
- नजफ़गढ़ झील
इन्दौरी नदी (Indauri River)
इन्दौरी नदी मेवात की पहड़ियों से निकलती है। यह नदी साहिबि नदी की सहायक नदी है।
उद्गम स्थल
- मेवात की पहाड़ियाँ
हरियाणा के प्रभावित जिले
- मेवात
विलय या विलुप्त स्थल
मेवात जिले में साहिबि नदी में विलय हो जाती है।
कृष्णावती नदी जयपुर में दरिम्बा तांबे की खादानों के पास अरावली श्रंखलाओं से निकलती है। यह नदी एक बरसाती नदी है। जो रेवाड़ी जिले से हरियाणा में प्रवेश करती है तथा महेंद्रगढ़ में पहुँच कर साहिबि नदी की सहायक नदी बन जाती है।
उद्गम स्थल
- जयपुर में अरावली श्रंखलाओं से
हरियाणा में प्रवेश
- रेवाड़ी
हरियाणा के प्रभावित जिले
- रेवाड़ी
- झज्जर
- महेंद्रगढ़
विलय या विलुप्त स्थल
- महेंद्रगढ़ में आकर साहिबि नदी में मिल जाती है।
दोहन नदी (Dohan River)
उद्गम स्थल
- सीकर (राजस्थान) जिले के मंधोलि गाँव से
हरियाणा में प्रवेश
- रेवाड़ी
हरियाणा के प्रभावित जिले
- रेवाड़ी
- महेंद्रगढ़
विलय या विलुप्त स्थल
दोहन नदी महेंद्रगढ़ जिले में बिलोचपुर पहुँच कर साहिबि नदी में सम्माहित हो जाती है।
टांगरी नदी (Tangari River)
टाँगरी नदी का पंचकुला (हरियाणा) जिले के मोरनी हिल्स में शिवालिक की पहाड़ियों से उद्गम होता है जिसे डाँगरी नदी भी कहा जाता है।
उद्गम स्थल
- पंचकुला की शिवालिक श्रंखलाओं में मोरनी हिल्स
सहायक नदियां
- आमरी नदी
- बलियाली नदी
हरियाणा के प्रभावित जिले
- पंचकुला
- अम्बाला
- कुरुक्षेत्र
- कैथल
विलय या विलुप्त स्थल
टाँगरी नदी मारकंडा नदी के साथ मिलकर घग्गर नदी में समा जाती है।
राक्षी नदी (rakshi River)
उद्गम स्थल
- शाहपुर (यमुनानगर)
हरियाणा के प्रभावित जिले
- यमुनानगर
विलय या विलुप्त स्थल
- लड़वा के पास आकर चोतंग नदी में मिलन हो जाता है।
हरियाणा की अन्य प्राचीन नदियां (Other ancient river of Haryana)
आपगा नदी (Apaga River)
आपगा नदी भी सरस्वती नदी की भांति प्राचीन नदी है जो आज केवल बरसाती नाला बन कर रह गई है। इस नदी को निचली खांड के नाम से भी पुकार जाता है। कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसर से एक मील दूर आपगा-सरोवर के रूप में आज भी देखा जा सकता है। हिरन्यवति, तैतरणी व मंदाकनी नदियां आपगा की प्रमुख शाखाएं थी।
द्वशद्व्ति नदी (चोतंग नदी)
द्वशद्व्ति नदी प्राचीन काल में सदा बहाने वाली नदी थी जो आज केवल बरसात के दिनों में ही दिखाई देती है।
उद्गम स्थल
- हिमाचल प्रदेश के शिवालिक श्रंखलाओ से
हरियाणा में प्रवेश
- यमुनानगर
सहायक नदियां
- राक्षी नदी
हरियाणा के प्रभावित जिले
- यमुनानगर
- कुरुक्षेत्र
- जींद
- कैथल
विलय या विलुप्त स्थल
- यमुना नदी में विलय