हिन्दी भाषा का परिचय (Introduction to Hindi Language)
हिन्दी भाषा का परिचय

प्रिय पाठकों, आज हम आपके लिए लेकर आये है हिन्दी भाषा का परिचय से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न (An Introduction to Hindi Language) केे बारे में जानकारी, हिन्दी भाषा का परिचय व हिन्दी व्याकरण से सम्बंधित प्रश्न उत्तर हर एग्जाम में पूछे जाते है तो आइए पढ़ते है “हिन्दी भाषा का परिचय”

हिन्दी भाषा का परिचय (Introduction to Hindi Language)

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है वह अकेला रह कर इस समाज मे विकास नही कर सकता। साथ ही जब तक की वह अपने विचार दुसरो तक नही पहुंचा देता या दूसरों के विचारों को नहीं समझ सकता, तब तक वह समाज मे रहकर भी विकसित नही हो सकता।

इस कार्य को करने के लिए या अपने विचारों को आदान-प्रदान करने के लिए भाषा का होना बहुत जरूरी है।

भाषा शब्द की उत्पति संस्कृत की भाष धातु से हुई है जिसका अर्थ होता है ‘बोलना’

अपने विचारों को आदान-प्रदान करने का एक व्यापक साधन ही भाषा कहलाता है। भाषा के मूलत: दो रूप होते है।

  • मौखिक रूप : अपने विचारों को बोलकर प्रकट करना।
  • लिखित रूप : अपने विचारों को लिखकर प्रकट करना।

सबसे पहले मौखिक रूप अस्तित्व में आया था इसलिए मौखिक रूप को भाषा का मूल रूप भी कहा जाता है।

हिन्दी शब्द का सम्बन्ध संस्कृत के ‘सिन्धु‘ शब्द से है। सिंधु एक नदी का नाम है और उसी के आधार पर उसके आस-पास की भूमि को सिन्धु कहने लगे। यह सिन्धु शब्द ईरानी में जाकर हिन्दू, हिन्दी और फिर हिन्द हो गया। बाद में ईरानी धीरे-धीरे भारत के अधिक भागों से परिचित होते गए और बाद में धीरे धीरे यह पूरे भारतवर्ष में इसका विस्तार होता गया

देवनागरी लिपि

इस लिपि का विकास व प्रचार करने का श्रेय भारतेन्दु हरिश्चंद्र को दिया जाता है इन्होंने हिन्दी साहित्य व हिन्दी भाषा, खड़ी बोली व देवनागरी लिपि को एक अलग ही पहचान दी है देवनागरी लिपि ब्रह्मा लिपि से ही निकली हुई इसीलिए इसे पहले बह्मा लिपि के नाम से भी जाना जाता था

हिंदी जो हमारी मातृ भाषा है हिंदी भाषा को देवनागरी लिपि में लिखा जाता है हिन्दी भाषा को 14 सितंबर 1949 को संविधान के अनुच्छेद 343-1 के अनुसार हिन्दी को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया और हिन्दी भाषा को राजभाषा घोषित किया गया

देवनागरी लिपि
देवनागरी लिपि

2011 की जनगणना के अनुसार भारत मे 121 प्रकार की भाषाएं बोली जाती है लेकिन भारतीय सविधान की 8वी अनुसूची में 22 भाषाओं को स्वीकार किया गया, लेकिन जब सविंधान लागू हुआ उस समय केवल 14 भाषाएं ही स्वीकृत थी बाद में 8 अन्य भाषाओं को जोड़ा गया

विश्व मे तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा हिन्दी भाषा है, 1918 में महात्मा गांधी ने हिंदी साहित्य सम्मेलन में हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने को कहा था, इसे गांधी जी ने जनमानस की भाषा भी कहा था लेकिन देश के पहले प्रधानमंत्री श्री जवाहर लाल नेहरू ने 14 सितंबर को हिंदी बनाने का निर्णय लिया 

और पहला हिन्दी दिवस 14 सितम्बर 1953 में मनाया गया

विश्व मे भाषा के कुल 12 परिवार है लेकिन भारत मे भाषा के कुल 4 परिवार है

  • भारोपीय भाषा परिवार
  • द्रविड़ भाषा परिवार
  • तिब्बती बर्मी भाषा परिवार
  • आगेनय भाषा परिवार

बोली

एक छोटे से कस्बे, क्षेत्र व नगर में बोली जाने वाली भाषा को देशी शब्दो मे हम बोली कहते है हिन्दी की पांच उपभाषाएं है जिनकी बोलियों का विवरण निम्न प्रकार से नीचे दर्शाया गया है

उपभाषाबोलियां
पश्चिमी हिन्दीखड़ी बोली, ब्रज, बुंदेली, कन्नौजी, हरियाणावी बांगरू
पूर्वी हिन्दीअवधि, बघेली व छत्तीसगढ़ी
राजस्थानी हिन्दीमेवाती, मेवाड़ी, मारवाड़ी, हाड़ौती, मालवी व जयपुरी
पहाड़ी हिन्दीगढ़वाली, मंडयाली व कुमायूंनी
बिहारी हिन्दीभोजपुरी, मगही व मैथिली

लिपि

लिपि का अर्थ है भाषा को लिखने का ढंग, जब हम भाषा को लिखकर प्रकट करते है तो उसके लिए कुछ चिह्न निश्चित किये जाते है, जिन्हें लिपि कहा जाता है। कुछ प्रमुख भाषाओं की लिपि निम्न प्रकार से है जो अक्सर एग्जाम में पूछी जाती है:-

भाषालिपि
हिन्दीदेवनागरी
संस्कृतदेवनागरी
नेपालीदेवनागरी
मराठीदेवनागरी
पंजाबीगुरुमुखी
फ्रेंच, इंग्लिश, स्पैनिशरोमन
अरबी, उर्दूफारसी

दोस्तो, अब हम पढ़ेंगे कुछ अन्य लिपियों के बारे में विस्तार पूर्वक जो अभी भी प्रचलित है

चित्र लिपियां

इन लिपियों को चित्र के द्वारा या चित्र देखकर विचारों की अभिव्यक्ति की जाती है पुराने समय मे इंसान के पास समझने व समझाने के लिए कोई लिपि नही थी, तब चित्र के माध्यम से समझाया जाता था। यह 3 प्रकार की होती है

  • प्राचीन मिस्त्री लिपि (मिस्री)
  • चीनी लिपि (चीनी)
  • कांजी लिपि (जापान)

ब्राह्मी लिपियां

भारत में लगभग समस्त लिपियों का आरंभ ब्राम्ही लिपि से माना जाता है और बौद्ध काल के समय इस लिपि का प्रयोग का सबसे ज्यादा हुआ था और यह बहुत ज्यादा प्रसिद्ध हुई थी। इसे बाए से दाएं लिखा जाता है। इस लिपि से देवनागरी लिपि का विकास हुआ था। यह मुख्यतः दो भागों में विभाजित की गई है:-

  • उत्तरी लिपि
  • दक्षिणी लिपि

अक्षर लिपि

जैसे-जैसे इंसान का विकास होता गया वैसे-वैसे इस लिपि का भी विकास होता गया और इसी लिपि की वजह से ही लिखने की कला, अक्षर लिपि प्रचलित हुई, इस लिपि में स्वर अपने पूरे अक्षर का प्रयोग करके व्यंजन के बाद आते है इसे अल्फाबेटिक लिपि भी कहा जाता है इनमे से कुछ लिपि के उदाहरण है

  • रोमन लिपि (Latin) – English, जर्मन, Western और Central Europe की सारी भाषाएँ
  • अरबी लिपि – अरबी, उर्दू, फारसी, कश्मीरी
  • यूनानी लिपि – यूनानी भाषा
  • इब्रानी लिपि – इब्रानी भाषा
  • रूसी लिपि – एशिया की लगभग सारी भाषाएँ

अल्फा सिलेबक लिपि

यह लिपी भी भारत मे काफी प्रचलित हुई थी इस लिपि में एक से अधिक व्यंजन हो तो उस स्वर पर निशान लगाया जाता है अगर एक से अधिक व्यंजन ना हो तो पूरे स्वर पर निशान लगाया जाता है इए कुछ लिपियों के उदाहरण निम्न प्रकार से है

  • ब्राह्मी लिपि – संस्कृत और पालि (प्रचीन काल)
  • देवनागरी लिपि – हिन्दी, उर्दू, संस्कृत, मराठी, नेपाली
  • गुजराती लिपि – गुजराती
  • गुरुमुखी लिपि – पंजाबी
  • बंगाली लिपि – बांगला
  • तमिल लिपि – तमिल
  • भारत की दूसरी लिपियाँ
  • कानो लिपि – जापानी

खरोष्ठी लिपि

यह लिपि कश्मीर व पंजाब के बाहरी इलाको पर प्रयोग में लाई जाती थी लेकिन अब यह लिपि अब लुप्त हो चुकी है इसके स्थान पर देवनागरी लिपि प्रयोग में लाई जाती है

ब्रेल लिपि

Braille Lipi Kya Hai
ब्रेल लिपि

इस लिपि ली खोज लुइस ब्रेल ने  की थी यह लिपि दृष्टिहीन लोगो यानी ब्लाइंड लोगो के लिए इस्तेमाल की जाती थी क्योकि इस लिपि की कोई भाषा नही है इसे इशारे या उंगलियों के माध्यम से विचारों का आदान प्रदान किया जाता था।  ज्यादातर यह लिपि सेना में प्रयोग में लाई जाती थी।

फोनेशियन लिपियां

यह लिपि यूरोप , मध्य एशिया , उत्तरी अफ्रीका आदि देशों में प्रयोग की जाती है।

अन्य महत्वपूर्ण तथ्य (Introduction to Hindi Language)

हिन्दी शब्द फारसी से लिया गया है।

संस्कृत को देववाणी भी कहा जाता है।

हिन्दी का विकास क्षौरसेनी अपभ्रंश से हुआ है

संस्कृत भाषा का प्राचीनतम ग्रंथ ऋग्वेद है

अंग्रेजी भाषा को भारत में शिक्षा के माध्यम से आरंभ किया गया : लॉर्ड मैकाले द्वारा

हिन्दी का आदि कवि किसे माना जाता है : स्वयंभू

हिन्दी का प्रथम उपन्यास कौनसा है : परीक्षा गुरू ( श्रीनिवास दास वमत )

हिन्दी का प्रथम एकांकी कौनसा है : एक घूँट

हिन्दी का प्रथम पात्र कौनसा है : उदंत मार्तण्ड

हिन्दी की प्रथम पत्रिका कौनसी है : संवाद कौमुदी

हिन्दी के किस समाचार-पत्र में खड़ीबोली को मध्यदेशीय भाषा कहा गया है : बनारस अखबार

हिन्दी के प्रथम कवि कौन है : सिद्ध सरहपा (9वीं शताब्दी)

हिन्दी के प्रथम गद्यकारकौन है : लल्लूलाल

हिन्दी के सर्वप्रथम गीत लेखक कौन है : विधापति

हिन्दी के सर्वप्रथम दैनिक समाचार-पत्र कौनसा है : सुधावर्षण

हिन्दी के सर्वप्रथम प्रकाशित पत्र का नाम क्या है : उतण्ड मार्तण्ड

अपभ्रंश का वाल्मीकि किसे कहा जाता है : स्वयंभू को

अपभ्रंश भाषा के प्रथम व्याकरणाचार्य कौन थे : हेमचन्द्र

अभिलेखों का अध्ययन क्या कहलाता है : इपीग्राफी

13 वी शताब्दी मे अमीर ख़ुसरो ने किसके विकास में अग्रणी भूमिका निभाई : खड़ी बोली

अमीर ख़ुसरो ने जिन मुकरियों, पहेलियों और दो सुखनों की रचना की है, उसकी मुख्य भाषा क्या है : खड़ीबोली

अवधी भाषा के सर्वाधिक लोकप्रिय महाकाव्य का नाम क्या है : रामचरितमानस

प्रिय दोस्तो, हम उम्मीद करते है कि हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी हिन्दी भाषा एक परिचय (Introduction to Hindi Language) से आप संतुष्ट होंगे, इससे सम्बंधित कोई प्रतिक्रिया या सुझाव देना चाहते है कृपया हमारे कमेंट बॉक्स में लिखे और अधिक नई जानकारी लेने के लिए हमारे सोशल मीडिया ग्रुप टेलीग्राम जॉइन करे और इस पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करे

4.3 6 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments