महेंद्रगढ़ के किले (Fort of Mahendergarh)

महेंद्रगढ़ के किले
महेंद्रगढ़ के किले (Fort of Mahendergarh)

प्यारे दोस्तों, आज हम पढ़ेंगे ‘महेंद्रगढ़ के किले’ के बारे में। हरियाणा की प्राचीन इमारतों व किलो के दृश्य की बात करें तो महेंद्रगढ़ जिला  प्रथम स्थान पर दिखाई देता है तथा पर्यटकों को लुभाने में कुरुक्षेत्र के बाद दूसरा स्थान पर।

तो चलिए, जानते है महेंद्रगढ़ के किले के बारे में


महेंद्रगढ़ के किले (Fort of Mahendergarh)

ढोसी पहाड़ी का किला

ढोसी पहाड़ी का किले को 16 वीं सदी के हिन्दू सम्राट हेमचन्द्र विक्रमादित्य ने बनवाया था। ढोसी की पहाड़ियाँ अपनी दुर्लभ जड़ी-बूटियों के लिए प्रसिद्ध है। इन्ही जड़ी-बूटियों की सुरक्षा के लिए इस किले का निर्माण करवाया गया था। जहां सम्राट हेमू के सिपाही पहरा दिया करते थे। आज इस किले की स्थिति दयनीय है।

कानोड़ का किला

इस किले को महेंद्रगढ़ के किले के नाम से भी जाना जाता है। इस किले का निर्माण 19 वीं शताब्दी में मराठा शासक तांतिया टोपे ने करवाया था। इस किले को वर्गाकार बनाया गया है।

पहले इस जगह को कानोंड़ (कान्होड) नाम से जाना जाता था जिसे थानोडिया ब्राह्मणों ने बसाया था।

बाद में कानोंड़ पर पटियाला के शासकों का आधिपत्य हो गया। सन् 1861 में पटियाला के शासक नेरेन्द्र सिंह द्वारा अपने पुत्र महेंद्र सिंह के सम्मान में इस किले का नाम महेंद्रगढ़ रखा गया। आगे चल कर कानोड को महेंद्रगढ़ कहा जाने लगा।

माधोगढ़ का किला

माधोगढ़ का किला
माधोगढ़ का किला

माधोगढ़ के किले का निर्माण राजस्थान के माधोगढ़ के शासक सवाई माधो सिंह ने 18 वीं शताब्दी में करवाया था। यह किला अरावली पर्वत श्रंखलाओं की माधोगढ़ की पहाड़ी पर स्थित है।

बीरबल का छता

इसका निर्माण नारनौल के दीवान राय ए राइन  ने शाहजहाँ के कल मे बनवाया था  प्राचीन काल मे बीरबल का यहाँ आना जाना था इसलिए ईसे बीरबल का छता कहा जाता है ऐसा माना जाता है की यहाँ पर एक सुरंग जो दिल्ली, जयपुर व ढोसी की पहाड़ी से जुड़ी हुई है

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